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    भारतीय नौसेना को मिली नई ताकत, जीआरएसई ने सौंपा 802वां युद्धपोत 'ईक्षक'

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 10:00 PM (IST)

    गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने स्वतंत्रता दिवस से पहले नौसेना को 113वां सर्वेक्षण युद्धपोत ईक्षक सौंपा। यह जीआरएसई द्वारा निर्मित चार सर्वेक्षण युद्धपोतों में से तीसरा है। ईक्षक 110 मीटर लंबा है और नौसेना को महत्वपूर्ण सर्वेक्षण डेटा प्रदान करेगा जो परिचालन उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण है। यह तटीय और गहरे पानी का सर्वेक्षण करने में सक्षम है।

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    ईक्षक जीआरएसई द्वारा निर्मित 802वां जहाज व 113वां युद्धपोत है।(फोटो सोर्स: जागरण)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने स्वतंत्रता दिवस से पहले एक और उपलब्धि अपने नाम दर्ज करते हुए 113वां सर्वेक्षण युद्धपोत 'ईक्षक' नौसेना को सौंपा है। यह जीआरएसई द्वारा निर्मित चार सर्वेक्षण युद्धपोत (बड़े) की श्रृंखला का तीसरा है।

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    इस श्रेणी का दूसरा पोत आइएनएस 'निर्देशक' 8 अक्टूबर, 2024 जबकि पहला पोत आइएनएस 'संध्याक' 4 दिसंबर, 2023 को नौसेना को सौंपा गया था। यह आपूर्ति जीआरएसई द्वारा उन्नत निर्देशित मिसाइल फ्रि गेट 'हिमगिरि' की नौसेना को सुपुर्दगी के एक महीने से भी कम समय में है। ईक्षक जीआरएसई द्वारा निर्मित 802वां जहाज व 113वां युद्धपोत है।

    ईक्षक की विशेषताएं 

    110 मीटर लंबा ईक्षक नौसेना को महत्वपूर्ण सर्वेक्षण डेटा प्रदान करेगा, जो परिचालन उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण है। इस सर्वेक्षण डेटा के आधार पर तैयार किए गए मानचित्रों और चार्टों का उपयोग वाणिज्यिक नौवहन द्वारा भी किया जाता है। उन्नत उपकरणों से युक्त ईक्षक तटीय और गहरे पानी का सर्वेक्षण करने के साथ-साथ नौवहन चैनलों और मार्गों का निर्धारण करने में भी सक्षम है।

    यह समुद्री सीमाओं का भी सर्वेक्षण कर सकता है और रक्षा अनुप्रयोगों के लिए समुद्र विज्ञान संबंधी और भौगोलिक डेटा एकत्र कर सकता है। यह जहाज एक हेलीकाप्टर ले जा सकता है और कम तीव्रता वाले युद्ध में भाग ले सकता है।

    यह 'अस्पताल जहाज' के रूप में भी कार्य कर सकता है। इसका उपयोग मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों के लिए भी किया जा सकता है।यह दो समुद्री डीजल इंजनों द्वारा संचालित है और इसमें फिक्स्ड-पिच प्रोपेलर हैं।

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