Bengal: मतुआ समुदाय के मंदिर में अभिषेक बनर्जी की एंट्री पर विवाद, हाई कोर्ट ने SIT जांच का दिया आदेश
हाई कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तार किए गए सभी मतुआ श्रद्धालुओं को जमानत पर रिहा किया जाए। एसआईटी उस दिन जांच की प्रगति रिपोर्ट देगी। दरअसल अभिषेक बनर्जी पर बिना अनुमति के मंदिर में प्रवेश की कोशिश करने का आरोप लगाया गया।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने मतुआ समुदाय के ठाकुरबाड़ी यानी मंदिर में तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी के प्रवेश के दौरान हुए हंगामा के मामले में राज्य पुलिस महानिदेशक (DGP) को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने मंगलवार को एडीजी रैंक के एक अधिकारी को इस जांच की कमान संभालने का निर्देश दिया। उनके निर्देशानुसार पुलिस को शिकायत के आधार पर प्राथमिकी स्वीकार करनी चाहिए। केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर की याचिका पर हाई कोर्ट का यह आदेश आया है।
रिहा किए जाएं मतुआ श्रद्धालु
हाई कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तार किए गए सभी मतुआ श्रद्धालुओं को जमानत पर रिहा किया जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी। एसआईटी उस दिन जांच की प्रगति रिपोर्ट देगी। हाई कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि वह मंदिर परिसर और अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज कब्ज में लिया जाए।
यह आरोप लगाया गया था कि अभिषेक बनर्जी ने मतुआ महासंघ के मंदिर में बिना अनुमति के प्रवेश करने की कोशिश की थी। अभिषेक के प्रवेश को लेकर ठाकुरबाड़ी में काफी हंगामा हुआ था।
भाजपा सांसद ने खटखटाया था हाई कोर्ट दरवाजा
भाजपा सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने पुलिस के खिलाफ पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। शांतनु ठाकुर ने कोर्ट में शिकायत की कि मंदिर की ओर से शिकायत दर्ज कराने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
वहीं, उस दिन की घटना में उनके समुदाय के कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने शांतनु की शिकायत के मद्देनजर मामला दर्ज करने की अनुमति दी।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 11 जून को अभिषेक बनर्जी अपने जनसंपर्क कार्यक्रम नवज्वार के दौरान मतुआ ठाकुरबाड़ी पहुंचे थे। इस कार्यक्रम को लेकर रविवार सुबह से ही बनगांव के ठाकुरनगर में प्रशासनिक व्यस्तता चरम पर थी। मतुआ समुदाय के विरोधी गुट के विरोध प्रदर्शन के दौरान झड़प की आशंका को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए थे।
शाम करीब चार बजे अभिषेक का काफिला ठाकुरनगर पहुंचा। शांतनु अपने अनुयायियों के साथ ठाकुरबाड़ी के सामने उपस्थित थे। दो गुटों के समर्थकों के बीच तकरार के बीच मतुआ महासंघ के प्रमुख शांतनु ठाकुर ने मुख्य मंदिर दरवाजा अंदर से बंद करवा दिया। इसके बाद जमकर हंगामा हुआ। इस मामले में केंद्रीय मंत्री की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय बल के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर रखा है।

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