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    बंगाल के चार विधानसभा केंद्रों की 2002 की मतदाता सूची हुई 'गायब', कई फर्जी वोटर्स के नाम आए सामने

    Updated: Tue, 05 Aug 2025 05:50 AM (IST)

    पश्चिम बंगाल में चार विधानसभा केंद्रों की 2002 की मतदाता सूची गायब होने से चुनाव आयोग चिंतित है। इन केंद्रों में दक्षिण 24 परगना बीरभूम मुराराई राजनगर और रामपुर शामिल हैं। मतदाता सूची न मिलने पर 2003 की सूची प्रकाशित की जाएगी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षकों को बीएलओ के रूप में काम करने का आदेश दिया है।

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    बंगाल के चार विधानसभा केंद्रों की वर्ष 2002 की मतदाता सूची 'गायब' हो गई है।(फोटो सोर्स: जागरण ग्राफिक्स)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के चार विधानसभा केंद्रों की वर्ष 2002 की मतदाता सूची 'गायब' हो गई है। इनमें दक्षिण 24 परगना जिले के कुलपी व बीरभूम के मुराराई, राजनगर व रामपुर विस केंद्र शामिल हैं।

    इन केंद्रों से संबंधत जिला चुनाव अधिकारियों (जिलाधिकारी ) से मतदाता सूची मांगी गई है। सूत्रों के अनुसार मतदाता सूची नहीं मिल पाने की सूरत वर्ष 2003 की मतता सूची के प्रसाद को प्रकाशित किया जाएगा।

    बंगाल के प्राथमिक शिक्षकों को बीएलओ के रूप में काम करना होगा: कोर्ट

    मालूम हो कि चुनाव आयोग ने बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) से पहले विभिन्न जिलों की 2002 की मतदाता सूची प्रकाशित करने का काम शुरू किया है। वहीं कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि बंगाल के प्राथमिक शिक्षकों को बीएलओ के रूप में काम करना होगा ।

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    बंगाल के दो विस क्षेत्रों में मिले 102 फर्जी मतदाता

    बंगाल के मयना व बारुईपुर पूर्व के बाद अब नंदकुमार व राजारहाट- गोपालपुर विधानसभा क्षेत्रों में 102 फर्जी मतदाताओं के नाम सामने आए हैं। इसे लेकर राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने उन विस क्षेत्रों के चुनाव पंजीकरण अधिकारियों से जवाब तलब किया है। सूत्रों के मुताबिक आरोप साबित होने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

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