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    अमेरिका में आंध्र प्रदेश की 23 साल की छात्रा की रहस्यमय मौत, खांसी और सीने में दर्द बना काल?

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 02:02 PM (IST)

    अमेरिका के टेक्सास में आंध्र प्रदेश की 23 वर्षीय छात्रा राजलक्ष्मी की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई। वह नौकरी की तलाश में थीं। 7 नवंबर, 2025 को उनका शव उनके अपार्टमेंट में मिला। राजी खांसी और सीने में दर्द से पीड़ित थीं। परिवार को उम्मीद है कि मेडिकल जांच से मौत का कारण पता चलेगा। परिवार की मदद के लिए गोफंडमी पर फंडरेजर शुरू किया गया है।

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    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के टेक्सास में एक 23 साल की भारतीय छात्रा की मौत ने झकझोर कर रख दिया है। आंध्र प्रदेश की रहने वाली राजलक्ष्मी (राजी) यार्लागड्डा टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी-कोर्पस क्रिस्टी से हाल ही में ग्रेजुएट हुई थीं। वे अमेरिका में नौकरी की तलाश कर रही थीं, लेकिन 7 नवंबर 2025 को उनकी लाश उनके अपार्टमेंट में मिली।

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    राजी आंध्र के बापटला जिले के करमचेडू गांव की थीं और किसान माता-पिता की मदद करने का सपना लेकर अमेरिका गई थीं। उनके चचेरे भाई चैतन्य वाईवीके ने बताया कि राजी पिछले दो-तीन दिनों से तेज खांसी और सीने में दर्द से पीड़ित थीं। 7 नवंबर की सुबह उनका अलार्म बजा, लेकिन वे नहीं उठीं। दोस्तों ने बाद में पता लगाया कि वे सोते-सोते ही दुनिया से चली गईं।

    मौत का कारण जानने की हो रही है कोशिश

    गौरतलब है कि फिलहाल अमेरिका में राजी के शव का मेडिकल परीक्षण चल रहा है। डॉक्टरों की टीम सटीक वजह पता करने में लगी है। चैतन्य के मुताबिक, राजी अकेली रहती थीं और बीमारी के बावजूद उन्होंने किसी को ज्यादा नहीं बताया। उनकी मौत अचानक हुई, जो सभी के लिए हैरान करने वाली है। परिवार को उम्मीद है कि जांच से सच सामने आएगा।

    राजी ने अमेरिका में पढ़ाई पूरी की और नौकरी की कोशिशें तेज कर दी थीं। वे अपने माता-पिता की इकलौती उम्मीद थीं। गांव में छोटी सी जमीन पर खेती और पशु पालकर गुजारा करते हैं। राजी का सपना था कि अच्छी नौकरी मिले और माता-पिता को आर्थिक मदद मिले। लेकिन यह सपना अब चूर-चूर हो गया।

    Go Fund me पर मदद की अपील

    चैतन्य ने टेक्सास के डेंटन से गोफंडमी पर फंडरेजर शुरू किया है। इसका मकसद राजी के परिवार की मदद करना है। अपील में लिखा है कि राजी का परिवार गांव की छोटी जमीन से जुड़ा है। फसल और जानवर ही उनकी जिंदगी हैं। राजी सबसे छोटी थीं और भविष्य की उम्मीद लेकर गई थीं। उनकी मौत से परिवार टूट गया और आर्थिक संकट आ गया।

    फंड से अंतिम संस्कार का खर्च, शव को भारत लाने का खर्च, पढ़ाई के कर्ज की अदायगी और माता-पिता को कुछ सहारा दिया जाएगा। चैतन्य ने अपील में कहा, "राजी का दिल उम्मीदों से भरा था। वह माता-पिता के लिए बेहतर कल बनाना चाहती थीं। अब परिवार को हमारी मदद की जरूरत है।" यह कैंपेन परिवार की मुश्किलें कम करने की कोशिश है।

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