Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UN: पाकिस्तान पर जमकर बरसा भारत, कहा- 1971 में लाखों महिलाओं के खिलाफ पाक सेना ने की थी यौन हिंसा

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Wed, 20 Aug 2025 06:51 AM (IST)

    संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस में भारत की ओर से वक्तव्य देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन मैथ्यू पुन्नूस ने पाकिस्तान को आईना दिखा दिया। उन्होंने कहा कि 1971 में तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना ने जिस बेखौफ होकर लाखों महिलाओं के खिलाफ घोर यौन हिंसा के जघन्य अपराध किए वह शर्मनाक है।

    Hero Image
    संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन मैथ्यू पुन्नूस ने पाकिस्तान को आईना दिखा दिया (फोटो- एएनआई)

     एएनआई, न्यूयॉर्क। ऐसा पहली बार नहीं जब पाकिस्तान को भारत ने बड़े मंचों पर जमकर न सुनाई हो। संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस में भारत की ओर से वक्तव्य देते हुए, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन मैथ्यू पुन्नूस ने पाकिस्तान को आईना दिखा दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत ने यूएन में पाकिस्तान पर जमकर बोला हमला

    उन्होंने कहा कि 1971 में तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना ने जिस बेखौफ होकर लाखों महिलाओं के खिलाफ घोर यौन हिंसा के जघन्य अपराध किए, वह शर्मनाक है। यह निंदनीय सिलसिला आज भी बेरोकटोक और बेखौफ जारी है। बता दें कि आज भी पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांत में दिनदहाड़े लड़कियों का अपरहरण कर लिया जाता है।

    अत्याचारियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए- भारत

    आगे यूनएससी की बैठक में भारतीय राजनयिक एल्डोस मैथ्यू पुन्नूस ने कहा कि संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा के जघन्य कृत्यों के दोषियों की कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।

    पाकिस्तान में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ उत्पीड़न

    उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ उत्पीड़न के हथियार के रूप में हजारों कमजोर महिलाओं और लड़कियों का बड़े पैमाने पर अपहरण, तस्करी, बाल विवाह और जबरन विवाह, घरेलू दासता, यौन हिंसा और जबरन धर्म परिवर्तन की खबरें और विवरण हाल ही में जारी ओएचसीएचआर रिपोर्टों में भी दर्ज किए गए हैं।

    घृणित कृत्यों को पाक न्यायपालिका द्वारा भी मान्यता प्राप्त

    रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान के इन घृणित कृत्यों को उसकी न्यायपालिका द्वारा भी मान्यता प्राप्त है। यह विडंबनापूर्ण है। इन अपराधों को अंजाम देने वाले अब न्याय के पैरोकार होने का ढोंग रच रहे हैं। यह कपट और पाखंड स्वतःसिद्ध है।