'यह पक्का किया जाए कि...', अमेरिका फिर से क्यों करना चाहता है न्यूक्लियर टेस्टिंग? जेडी वेंस ने बताया
अमेरिका फिर से परमाणु परीक्षण करने की तैयारी में है। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि अमेरिकी परमाणु हथियार ठीक से काम कर रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सेना को 33 वर्षों के बाद परीक्षण फिर से शुरू करने का आदेश दिया था, जिसका उद्देश्य रूस और चीन के साथ बराबरी करना है। रूस ने इस फैसले को नई अनिश्चितता बताया है।

अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका एक बार फिर न्यूक्लियर टेस्टिंग करना चाहता है। हालांकि अभी यह नहीं पता चल पाया है कि राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने किस तरह के टेस्ट का ऑर्डर दिया है। मामले पर उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि अमेरिकी न्यूक्लियर हथियारों की टेस्टिंग से यह पक्का हो जाएगा कि असल में वो ठीक से काम कर रहे हैं।
जब ट्रंप के न्यूक्लियर टेस्ट के ऑर्डर देने वाले सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में पूछा गया तो वेंस ने व्हाइट हाउस में रिपोर्टर्स से कहा, "यह अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी का एक जरूरी हिस्सा है कि यह पक्का किया जाए कि हमारे पास जो न्यूक्लियर हथियार हैं, वे असल में ठीक से काम करें और यह टेस्टिंग सिस्टम का हिस्सा है।"
डोनल्ड ट्रंप ने दिया ये आदेश
ट्रंप ने गुरुवार को अमेरिकी सेना को 33 वर्षों के अंतराल के बाद तुरंत परमाणु हथियारों का परीक्षण फिर से शुरू करने का आदेश दिया। यह घोषणा चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बैठक शुरू करने से कुछ मिनट पहले की गई। ट्रंप ने कहा कि यह रूस और चीन के साथ ''समान आधार'' पर होगा।
यानी ट्रंप का आदेश अमेरिका की रणनीतिक प्रतिक्रिया है ताकि वह रूस और चीन की बढ़ती परमाणु क्षमता के सामने पीछे न रह जाए। वैसे ट्रंप का यह फैसला ऐसे समय आया है जब कि रूस ने हाल ही में दो बेहद खतरनाक परमाणु हथियारों का सफल परीक्षण कर दुनिया को चौंका दिया है।
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा- ''अन्य देशों के परीक्षण कार्यक्रमों के कारण मैंने डिपार्टमेंट आफ वार को हमारे परमाणु हथियारों का परीक्षण समान आधार पर शुरू करने का निर्देश दिया है। यह प्रक्रिया तुरंत शुरू होगी।'' साथ ही उन्होंने यह भी कहा- ''मैं परमाणु निरस्त्रीकरण देखना चाहूंगा क्योंकि हमारे पास बहुत सारे हैं और रूस दूसरे और चीन तीसरे स्थान पर है। चीन चार या पांच वर्षों में बराबरी पर आ जाएगा। ''
रूस ने दिया ये जवाब
उधर, एक वरिष्ठ रूसी सांसद ने कहा कि ट्रंप का निर्णय एक नई अनिश्चितता और खुली जंग के युग की शुरुआत करेगा। इस बीच, चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से परमाणु परीक्षण पर प्रतिबंध के अपने वादे का पालन करने और वैश्विक रणनीतिक संतुलन और स्थिरता को बनाए रखने का आह्वान किया है।

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