ट्रंप टैरिफ पर भारत की चुप्पी को अमेरिका के पूर्व NSA ने बताया अच्छा जवाब, बताया निपटने का सही तरीका
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने भारत पर टैरिफ थोपने और पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाने का श्रेय लेने के ट्रंप के प्रयास को अनुचित बताया। उन्होंने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर टैरिफ लगाने की आलोचना की और सवाल उठाया कि चीन जैसे देशों पर ऐसी कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने नई दिल्ली पर टैरिफ थोपने और पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत तथा पाकिस्तान के बीच युद्ध को रुकवाने का श्रेय लेने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयास को 'अनुचित' बताया है।
उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप के इस कदम को लेकर वाशिंगटन में चिंता है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत रह चुके बोल्टन ने एक साक्षात्कार में रूस से तेल खरीद के लिए भारत पर टैरिफ लगाने के ट्रंप के 'अनुचित व्यवहार' की आलोचना की।
साथ ही, यह सवाल भी उठाया कि चीन, तुर्किये और पाकिस्तान जैसे देश भी रूस से तेल खरीदते हैं, मगर उनके खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
'भारत को हर वो कदम उठाना चाहिए जो राष्ट्रीय हित में है'
उन्होंने कहा कि भारत को अमेरिका के साथ दीर्घकालिक संबंधों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि ट्रंप अब सिर्फ साढ़े तीन साल के लिए ही अमेरिका के राष्ट्रपति हैं। पिछले महीने ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 25 प्रतिशत रेसीप्रोकल (पारस्परिक) टैरिफ लगाया था, और इसके अलावा मास्को से तेल और हथियारों की खरीद पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया था।
जब बोल्टन से पूछा गया कि वर्तमान टैरिफ को आप किस प्रकार देखते हैं तो उन्होंने इसे अनुचित बताते हुए कहा कि भारत को हर वो कदम उठाना चाहिए जो उसके राष्ट्रीय हित में है।
'टैरिफ पर भारत की चुप्पी ट्रंप से निपटने का अच्छा तरीका'
उन्होंने अमेरिका के साथ संपूर्ण टैरिफ स्थिति के प्रति भारत सरकार के ²ष्टिकोण की सराहना की। जब उनसे पूछा गया कि भारत द्वारा बड़े पैमाने पर चुप्पी साधे रखने और पर्दे के पीछे की कूटनीति पर निर्भर रहने को वह किस नजर से देखते हैं तो बोल्टन ने कहा, ''मुझे लगता है कि ट्रंप जैसे व्यक्ति से निपटने का यही सबसे अच्छा तरीका है। अगर आप उनके झांसे में आ गए और उनके साथ सार्वजनिक रूप से बहस में पड़ गए तो इससे चीजें आसान नहीं होंगी।''
'पीटर नवारो को विश्व मामलों के बारे में कुछ भी नहीं पता'
ट्रंप के आर्थिक सलाहकार पीटर नवारो के भारत पर हालिया बयानों की निंदा करते हुए बोल्टन ने कहा कि भारत को नवारो की भाषा को अमेरिकी नीति में बदलाव के रूप में नहीं देखना चाहिए। उनकी टिप्पणियां व्यापक अमेरिकी राय को प्रतिबिंबित नहीं करतीं और वैश्विक मामलों की समझ की कमी को दर्शाती हैं।
उन्होंने कहा, ''नवारो को विश्व मामलों के बारे में कुछ भी नहीं पता। उन्हें यह समझने में मुश्किल होती है कि अमेरिका के दोस्त कौन हैं, अमेरिका के दोस्त कौन होने चाहिए, और दोस्तों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है।''
'भारत में अमेरिकी राजदूत बनने के योग्य नहीं हैं सर्जियो गोर'
बोल्टन ने भारत में अगले अमेरिकी राजदूत के रूप में सर्जियो गोर के चयन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वह उन्हें इस पद के लिए योग्य नहीं मानते। उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि वह भारत में अमेरिकी राजदूत बनने के योग्य हैं।''
(समाचार एजेंसी ANI के इनुपट के साथ)
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