Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अरबपतियों के गले नहीं उतर रही ममदानी की जीत, आठ लाख से ज्यादा लोग छोड़ सकते हैं न्यूयॉर्क सिटी

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 07:41 AM (IST)

    न्यूयॉर्क इस दुनिया में सबसे आधुनिक और सबसे अमीर शहर है। जहां हर अरबपति की रहने की चाह होती है। लेकिन ममदानी के मेयर बनते ही न्यूयॉर्क के अरबपति यहां से अपना पसंदीदा शहर छोड़ सकते हैं। इसकी बड़ी वजह ममदानी की अरबपतियों पर ज्यादा टैक्स लगाने की नीति माना जा रहा है जिसका कि ममदानी अपने चुनाव प्रचार में जिक्र भी करते रहे हैं।

    Hero Image

    आठ लाख से ज्यादा लोग न्यूयॉर्क शहर छोड़ सकते हैं (फोटो- रॉयटर)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। न्यूयॉर्क इस दुनिया में सबसे आधुनिक और सबसे अमीर शहर है। जहां हर अरबपति की रहने की चाह होती है। लेकिन ममदानी के मेयर बनते ही न्यूयॉर्क के अरबपति यहां से अपना पसंदीदा शहर छोड़ सकते हैं। इसकी बड़ी वजह ममदानी की अरबपतियों पर ज्यादा टैक्स लगाने की नीति माना जा रहा है जिसका कि ममदानी अपने चुनाव प्रचार में जिक्र भी करते रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने अमीरों पर एक्स्ट्र टैक्स लगाने की नीति को लेकर वादा किया था वह अमीरों और बड़ी कंपनियों पर नए टैक्स लगाकर नौ अरब डॉलर तक जुटाएंगे। यही कारण था कि न्यूयॉर्क के अमीरों ने ममदानी को हराने की पूरी कोशिश की थी और पैसा पानी की तरह बहाया था।

    एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि शहर छोड़ने की योजना बनाने की संभावना महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा थी, 12 प्रतिशत पुरुषों और सात प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि वे जरूर शहर छोड़ देंगे। दोनों समूहों में से लगभग एक-चौथाई लोग इस बारे में सोच रहे थे।

    50 से 64 वर्ष की आयु के लोगों के भी कंपनी छोड़ने की संभावना अधिक थी, जिनमें से 12 प्रतिशत निश्चित थे तथा 33 प्रतिशत इस पर विचार कर रहे थे।

    क्वींस से 34 वर्षीय राज्य विधानसभा सदस्य, जोहरान ममदानी, न्यूयॉर्क शहर के 111वें मेयर हैं । उन्होंने पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो को हराया और 1 जनवरी, 2026 को एरिक एडम्स के बाद आधिकारिक रूप से पदभार ग्रहण करेंगे।

    34 वर्षीय ममदानी की जीत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कड़े विरोध के बावजूद हुई। ममदानी के अभियान ने अमीरों पर कर लगाने का वादा किया था, इस नीति ने उच्च आय वर्ग के लोगों, खासकर 50 से 64 वर्ष की आयु के मतदाताओं, जिनमें से कुछ के पास शहर की 12 प्रतिशत संपत्ति है, के बीच चिंताएं बढ़ा दी हैं।