'यह पुतिन का नहीं मोदी का युद्ध है', रूस-यूक्रेन वॉर पर ट्रंप के सलाहकार ने ये क्या कह दिया?
अमेरिकी राष्ट्रपति के पूर्व सलाहकार पीटर नवारो ने रूस-यूक्रेन युद्ध को मोदी का युद्ध बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत रूस से तेल खरीदकर उसकी युद्ध मशीन को मदद कर रहा है। नवारो ने कहा कि भारत को रूसी तेल खरीदना बंद करना चाहिए। उन्होंने भारत पर अहंकार का भी आरोप लगाया और कहा कि भारत को लोकतांत्रिक देशों का साथ देना चाहिए।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार एवं विनिर्माण के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को ''मोदी का युद्ध'' करार दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि शांति का मार्ग आंशिक रूप से नई दिल्ली से होकर जाता है। भारत ने फिलहाल उनकी इस टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है।
नवारो ने बुधवार को ब्लूमबर्ग को दिए साक्षात्कार में दावा किया कि भारत रूस की युद्ध मशीन को मदद पहुंचा रहा है। कहा, ''भारत जो कर रहा है, उसके कारण अमेरिका में हर कोई हार रहा है। उपभोक्ता, व्यवसाय व हर चीज हार रही है। श्रमिक भी हार रहे हैं क्योंकि भारत के उच्च शुल्क के कारण हमारी नौकरियां, कारखाने, आय और उच्च वेतन खत्म हो रहे हैं। फिर करदाताओं को भी हार का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि हमें मोदी के युद्ध को फंड करना पड़ रहा है।''
'ये पुतिन का नहीं मोदी का युद्ध है'
जब होस्ट ने उनसे पूछा कि क्या उनका मतलब ''पुतिन का युद्ध'' है, तो नवारो ने दोहराया कि यह ''मोदी का युद्ध'' है। नवारो ने दावा किया कि भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को हटाना बहुत आसान है। अगर भारत रूसी तेल खरीदना और उनकी युद्ध मशीन को मदद करना बंद कर दे, तो उसे कल ही 25 प्रतिशत की छूट मिल सकती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भारत छूट पर रूसी तेल खरीदता है और फिर भारतीय रिफाइनर, रूसी रिफाइनरों के साथ साझेदारी में इसे बाकी दुनिया को लाभ पर बेचते हैं। रूस इस पैसे का इस्तेमाल अपनी युद्ध मशीन को चलाने और यूक्रेनियों को मारने में करता है। फिर यूक्रेन अमेरिका और यूरोप के पास आता है, उनसे और पैसा मांगता है।
'भारतीय बहुत अहंकारी हैं'
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को महान नेता बताते हुए नवारो ने कहा कि वह चकित हैं क्योंकि यह एक परिपक्व लोकतंत्र है जिसका संचालन बुद्धिमान लोग कर रहे हैं। साथ ही कहा, ''भारतीय बहुत अहंकारी हैं। वे कहते हैं, हमारे यहां उच्च शुल्क नहीं हैं। हम संप्रभु हैं। हम जिससे चाहें तेल खरीद सकते हैं। भारत, आप दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। एक लोकतंत्र की तरह व्यवहार करें। लोकतांत्रिक देशों का साथ दें।''
'चीन आपका मित्र नहीं'
उन्होंने कहा, ''आप अधिनायकवादियों के साथ मिल रहे हैं। चीन के साथ दशकों से युद्ध चल रहा है। उन्होंने अक्साई चिन और आपके पूरे क्षेत्र पर आक्रमण किया है। ये आपके मित्र नहीं हैं।'' चीन से जुड़े एक सवाल पर नवारो ने कहा, ''वास्तविकता यह है कि आपको भारत और चीन को रूसी तेल खरीदने से रोकना होगा। आप कल ऐसा करेंगे और युद्ध समाप्त हो जाएगा।''
उन्होंने आगे कहा कि अगर यूरोप सहित सभी देशों ने रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया, तो कुछ ही समय में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पास युद्ध के लिए धन खत्म हो जाएगा।
अमेरिकी संसदीय समिति ने क्या कहा?
अमेरिका की विदेश मामलों की एक संसदीय समिति ने इस बीच इंटरनेट मीडिया पोस्ट में कहा है कि बड़ी मात्रा में रूसी तेल खरीदने के लिए चीन या अन्य देशों पर प्रतिबंध लगाने के बजाय ट्रंप भारत पर टैरिफ लगाकर उसे निशाना बना रहे हैं, जिससे अमेरिकियों को नुकसान हो रहा है और इस प्रक्रिया में अमेरिका-भारत संबंधों को भी नुकसान पहुंच रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे यह यूक्रेन को लेकर है ही नहीं।
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