क्या वाकई ट्रंप को मिल सकता है शांति का नोबेल: कौन कर सकता है नामित, कैसे होता है विजेता का चयन?
Donald Trump Nobel Prize पाकिस्तान के बाद अब इजरायल ने ट्रंप को शांति का नोबेल देने की सिफारिश की है। शांति का सर्वोच्च सम्मान के लिए विजेता का चयन कैसे होता है कौन कर सकता है नॉमिनेशन और क्या ट्रंप को वास्तव में नोबेल शांति पुरस्कार मिल सकता है यहां पढ़ें सभी सवालों के जवाब...
डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन/नई दिल्ली। पाकिस्तान के बाद अब इजरायल ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की सिफारिश की है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करने वाला पत्र व्हाइट हाउस में रात्रि भोज के समय ट्रंप को सौंपा।
नेतन्याहू ने ट्रंप से कहा, ''मैं आपको यह पत्र दिखाना चाहता हूं, जिसे मैंने नोबेल पुरस्कार कमेटी को भेजकर आपको नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट किया है। आप इसके वास्तविक हकदार हैं। आपको नोबेल मिलना ही चाहिए।''
इजरायली पीएम ने ट्रंप को शांति का नोबेल दिए जाने की सिफारिश इजरायल-ईरान संघर्ष में अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रयासों के मद्देनजर की है। इससे पहले, 21 जून को पाकिस्तान सरकार ने भी ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की सिफारिश की थी।
व्हाइट हाउस में डिनर के दौरान ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने वाला पत्र सौंपते इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू। फोटो- पीटीआई
पाकिस्तान सरकार ने कहा था, ' राष्ट्रपति ट्रंप ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद दोनों से बातचीत कर सीजफायर में अहम भूमिका निभाई, जिससे दो न्यूक्लियर ताकत वाले देशों के बीच युद्ध की आशंका टल गई। ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाना चाहिए'
इस पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, 'मैंने कई देशों के बीच जंग रुकवाई और इसके लिए मुझे नोबेल मिलना चाहिए। मुझे 4-5 बार नोबेल शांति पुरस्कार मिलने चाहिए थे, लेकिन वे मुझे यह पुरस्कार नहीं देंगे, क्योंकि वे इसे केवल लिबरल्स को देते हैं।
नोबेल शांति पुरस्कार क्यों और कब दिया जाता है?
नोबेल शांति पुरस्कार विश्व का सबसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मान है। यह हर साल 10 दिसंबर को ओस्लो (नॉर्वे) में दिया जाता है। यह उस शख्स या संस्था को दिया जाता है, जिसने राष्ट्रों के बीच भाईचारा बढ़ाने, युद्ध रोकने और शांति स्थापना में अहम भूमिका निभाई हो।
नोबेल शांति पुरस्कार के पीछे की कहानी
डायनामाइट की खोज करने वाले अल्फ्रेड नोबेल एक बहुप्रतिभाशाली व्यक्ति थे। वह विज्ञान, आविष्कार, साहित्य और उद्यमिता जुड़े थे, लेकिन निधन के आखिरी सालों में समाजसेवी बन शांति के क्षेत्र में भी अहम योगदान दिया।
साल 1888 की बात है। अल्फ्रेड नोबेल के भाई लुडविग नोबेल की मौत हुई। उस वक्त फ्रेंच अखबार ने अनजाने में छाप दिया था- अल्फ्रेड नोबेल का निधन हो गया। अखबार ने अपनी खबर में अल्फ्रेड नोबेल की कड़ी आलोचना करते हुए उनको 'मौत का सौदागर' (Merchant Of Death) करार दिया था।
जब अल्फ्रेड ने अखबार पढ़ा तो वह बेहद परेशान हो गए। इसके बाद से वह शांति के काम में जुट गए। उन्होंने न सिर्फ खुद की आखिरी सांस तक शांति के लिए काम किया, बल्कि दुनिया छोड़ने के बाद भी शांति के पैरोकार बने हुए हैं।
दरअसल, अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी मौत से वसीयत लिखी, जिसमें उन्होंने मानवता के हित में काम करने वाले लोगों को अपनी संपत्ति में से पुरस्कार देने की इच्छा जताई थी। इसके बाद नोबेल फाउंडेशन बना और अल्फ्रेड की वह इच्छा आज प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार नाम से जानी जाती है।
अल्फ्रेड नोबेल का स्टैच्यू।
पहली बार कब दिया गया था नोबेल प्राइज?
10 दिसंबर 1896 को अल्फ्रेड नोबेल का निधन हो गया। उनके निधन के पांच साल बाद यानी 1901 में 10 दिसंबर को ही पहली बार नोबेल सम्मान दिए गए थे। तब से हर साल 10 दिसंबर को नोबेल पुरस्कार दिए जाते हैं। यह पुरस्कार छह श्रेणी- भौतिकी, रसायन विज्ञान, साहित्य, अर्थशास्त्र, चिकित्सा और शांति के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को दिया जाता है।
कौन कर सकता है नॉमिनेशन?
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए हर साल क्रिसमस ईव से नामांकन शुरू होते हैं, जो 31 जनवरी तक सबमिट किए जाते हैं।
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए योग्य नामांकन कर्ता (Qualified Nominator) ही नॉमिनेशन भेज सकते हैं। जैसे-
- किसी भी देश की सरकार या संसद के सदस्य।
- इंटरनेशनल कोर्ट या हेग स्थित पंचाट (PCA) के सदस्य।
- विश्वविद्यालय के प्रोफेसर (इतिहास,समाजशास्त्र, कानून और दर्शन)।
- शांति या विदेशी नीति संस्थानों के निदेशक।
- पूर्व नोबेल शांति पुरस्कार विजेता।
- उन संस्थाओं के बोर्ड मेंबर जिन्हें नोबेल मिल चुका।
- नोबेल समिति के वर्तमान पूर्व सदस्य व सलाहकार।
क्या कोई व्यक्ति खुद का नाम भेज सकता है?
नहीं, कोई भी व्यक्ति स्वयं को नामित नहीं कर सकता। ऐसा आवेदन अमान्य माना जाएगा। ऊपर दिए गए 'क्वालिफाइड नॉमिनेटर' ही किसी का नाम भेज सकते हैं।
विजेता का चयन कब और कैसे होता है?
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए आए सभी नामांकनों की समीक्षा के बाद 20 से 30 लोगों को शॉर्टलिस्ट किया जाता है। फिर नोबेल संस्थान के स्थायी सलाहकार (जैसे प्रोफेसर और रिसर्च डायरेक्टर आदि ) शॉर्टलिस्ट उम्मीदवारों की गहन समीक्षा करते हैं।
नोबेल समिति अंतिम चर्चा कर बहुमत के आधार पर विजेता तय करती है। संभव हो तो सर्वसम्मति बनाई जाती है। इसके बाद हर साल अक्टूबर में विजेताओं के नाम का एलान किया जाता है।
नोबेल पुरस्कारों के वितरण के दौरान का फोटो।
चयन के लिए क्या मायने रखता है?
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए उम्मीदवार के कार्यों का सामाजिक, राजनीतिक, वैश्विक प्रभाव और शांति के लिए योगदान की स्थायित्वता व उसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर देखा जाता है।
विजेता को क्या मिलता है?
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता को नोबेल मेडल, डिप्लोमा सर्टिफिकेट और पुरस्कार राशि (करीब 8 करोड़ रुपये) दी जाती है। पुरस्कार राशि हर साल संस्था के बजट के अनुसार होती है, फिक्स नहीं।
क्या नामांकनों को सार्वजनिक किया जाता है?
नहीं, नोबेल फाउंडेशन के नियमों के अनुसार, नामांकनों, नामांकितों व चयन से जुड़ी सभी जानकारी 50 साल तक गोपनीय रखी जाती है। 2025 में नॉमिनेट करने वाले लोगों के नाम जानने के लिए 2075 का इंतजार करना होगा।
किन अमेरिकी राष्ट्रपतियों को मिला शांति का नोबेल?
अब तक चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों को नोबेल शांति पुरस्कार मिला है। आखिरी बार बराक ओबामा को अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर नोबेल पीस प्राइज मिला था। अगर ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार मिलता है तो वे यह पुरस्कार पाने वाले 5वें अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे।
1. थियोडोर रूजवेल्ट: 1901 में राष्ट्रपति मैकिनले की हत्या के बाद थियोडोर रूजवेल्ट को यूएस प्रेसिडेंट बनाया गया था। वह अमेरिका के 26वें राष्ट्रपति थे। उनको रूस और जापान युद्ध को रुकवाने के लिए 1906 में नोबेल पीस प्राइज दिया गया था।
2. वुडरो विल्सन: अमेरिका के 28वें राष्ट्रपति वुडरो विल्सन को 1919 में राष्ट्र संघ की स्थापना में अहम कोशिशों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
3. जिमी कार्टर: जिमी 1977 से 1981 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे थे। उनको 2002 में विश्व शांति, जलवायु परिवर्तन और मानवाधिकार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था।
4. बराक ओबामा: अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति बराक ओबामा को अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए साल 2009 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था।
नोबेल शांति पुरस्कार के साथ पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा।
भारत में कितने लोगों को शांति का नोबेल मिला?
भारत में अब तक सिर्फ दो लोगों को नोबेल शांति पुरस्कार मिला है। साल 1979 मदर टेरेसा को गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा के लिए दिया गया था।
2014 का नोबेल प्रीस प्राइज दो लोगों को संयुक्त रूप से दिया गया था, जिनमें भारत से कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान से मलाला यूसुफजई का नाम था। कैलाश सत्यार्थी को यह पुरस्कार उनके बाल अधिकारों और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों के लिए दिया गया था।
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Source:
- नोबेल प्राइज की आधिकारिक वेबसाइट
- www.nobelprize.org
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