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    जेल में काटे 43 साल... भारत के सुब्रमण्यम वेदम को खुद को निर्दोष साबित करने में लग गये चार दशक

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 11:30 PM (IST)

    भारत में जन्मे सुब्रमण्यम वेदम को दोस्त की हत्या के आरोप से मुक्त होने में 43 साल लग गए। रिहाई से पहले, उन्हें 1999 के निर्वासन आदेश के तहत हिरासत में ले लिया गया। वेदम के वकीलों को अब यह साबित करना होगा कि ड्रग्स के आरोप को जेल में बिताए गए गलत वर्षों से ज्यादा अहमियत नहीं दी जानी चाहिए। वकीलों को उम्मीद है कि अदालत उनके पूरे मामले पर विचार करेगी।

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    सुब्रमण्यम वेदम। इमेज सोर्स- AP

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में जन्मे सुब्रमण्यम वेदम को 1980 में अपने दोस्त थामस किनसर की कथित हत्या के मामले में खुद को निर्दोष साबित करने के लिए चार दशक से भी ज्यादा का इंतजार करना पड़ा। हालांकि, उन्हें 43 साल जेल में भी बिताना पड़ा। इसी महीने वह पेन्सिलवेनिया की जेल से रिहा होने वाले थे। मगर, शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

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    64 साल के वेदम, जो नौ महीने की उम्र में कानूनी तौर पर भारत से अमेरिका आए थे, अब एक और मुश्किल कानूनी लड़ाई का सामना कर रहे हैं। गवाहों या हत्या के पीछे के कारणों की कमी के बावजूद वेदम को दो बार हत्या का दोषी ठहराया गया था। हालांकि, अगस्त में एक जज ने उनकी सजा को रद कर दिया था, जब उनके वकीलों को नए सबूत मिले जिसके बारे में प्रोसिक्यूटर ने कभी नहीं बताए थे।

    वेदम को 43 साल बाद होंगे रिहा 

    जब वेदम की बहन तीन अक्टूबर को उन्हें घर लाने की तैयारी कर रही थी, तो उन्हें 1999 के डिपोर्टेशन आर्डर के तहत हिरासत में ले लिया गया। बहरहाल, ट्रंप प्रशासन के बड़े पैमाने पर डिपोर्टेशन अभियान के बीच वेदम के वकीलों को इम्मिग्रेशन कोर्ट को यह समझाना होगा कि 1980 के दशक में ड्रग्स लेने के आरोप में मिली सजा को उन वर्षों से ज्यादा अहमियत नहीं दी जानी चाहिए जो उन्होंने गलत तरीके से जेल में बिताए। कुछ समय के लिए इम्मिग्रेशन कानून उन लोगों को ऐसी रियायत मांगने की इजाजत देता था जिन्होंने अपनी ¨जदगी सुधार ली थी।

    रिहाई से पहले निर्वासन का खतरा

    उस समय हत्या के आरोप में सजा होने की वजह से वेदम कभी ऐसा नहीं कर पाए। इम्मिग्रेशन वकील एवा बेनाच ने कहा, ''वह एक ऐसे इंसान हैं जिन्होंने बहुत बड़ा अन्याय सहा है। वे 43 साल जेल में खाली नहीं बैठे थे। उन्होंने जेल में एक शानदार अनुभव जिया।' वेदम ने जेल में रहते हुए कई डिग्रियां हासिल कीं, सैकड़ों साथी कैदियों को पढ़ाया। उनके वकीलों को उम्मीद है कि इम्मिग्रेशन जज उनके पूरे मामले पर विचार करेंगे। वेदम अभी भी सेंट्रल पेन्सिलवेनिया में 1,800 बेड वाली यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट फैसिलिटी में हैं।

    (न्यूज एजेंसी एपी के इनपुट के साथ)