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    अमेरिका में अब महिला और पुरुष... केवल दो लिंग, ट्रंप के आदेश को कोर्ट से हरी झंडी

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 08:21 AM (IST)

    अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन को राहत देते हुए पासपोर्ट आवेदन में लिंग चयन पर नए नियम को लागू करने की अनुमति दी है। अब आवेदकों को केवल पुरुष या महिला का विकल्प मिलेगा। कोर्ट के इस फैसले का तीन जजों ने विरोध किया है, उनका कहना है कि इससे ट्रांसजेंडर लोगों पर खतरा बढ़ेगा। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ मुकदमा भी चल रहा है।

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    डोनल्ड ट्रंप. अमेरिका के राष्ट्रपति। (फोटो- रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ट्रंप प्रशासन को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने गुरुवार को ट्रंप प्रशासन की उस नीति को लागू करने की अनुमति दे दी, जिसके अंतर्गत पासपोर्ट आवेदन में व्यक्ति अपने लिंग पहचान के अनुसार नहीं चुन सकेगा। यानी उसके पास केवल पुरुष और महिला का विकल्प चुनने का अधिकार होगा।

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    सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को ट्रंप प्रशासन की ओर से ट्रांसजेंडर अमेरिकियों के अधिकारों पर एक कड़े प्रहार के तौर पर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिका के न्याय विभाग के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है।

    न्याय विभाग ने सुप्रीम कोर्ट से निचली अदालत को उस आदेश को हटाने की मांग की थी, जिसने इस नीति पर रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब पासपोर्ट पर केवल व्यक्ति का जन्म के समय दर्ज लिंग ही मान्य होगा।

    कोर्ट ने मामले में क्या कहा?

    समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, एक आदेश में कोर्ट ने कहा कि यह नीति ट्रांसजेंडर लोगों के साथ भेदभाव नहीं करती प्रतीत होती है। कोर्ट का कहना है कि जन्म के समय पासपोर्ट धारकों का लिंग प्रदर्शित करना उनके जन्म के देश को प्रदर्शित करने से अधिक समान सुरक्षा सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं करता है। कोर्ट ने भी स्पष्ट किया कि दोनों ही मामलों में सरकार किसी के साथ भेदभाव किए बिना केवल एक ऐतिहासिक तथ्य की पुष्टि कर रही है।

    तीन लिबरल जजों ने किया फैसले का विरोध

    बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का कोर्ट के तीन लिबरल जजों ने सार्वजनिक रूप से विरोध किया। इन जजों ने कहा कि पासपोर्ट में जन्म के समय केवल लिंग का उल्लेख होने से ट्रांसजेंडर लोगों पर हिंसा, उत्पीड़न और भेदभाव में वृद्धि का खतरा बढ़ जाता है। बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप के इस आदेश के खिलाफ एक क्लास एक्शन मुकदमा अभी भी चल रहा है।

    इसी साल जनवरी में ट्रंप ने जारी किया था आदेश

    गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश जारी किया था। इस आदेश के बाग विदेश विभाग ने अपने पासपोर्ट के नियमों में बदलाव किया था। इसमें घोषणा की गई थी कि संयुक्त राज्य अमेरिका जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर केवल दो लिंगों को ही मान्यता देगा, जिसमें पुरुष और महिला शामिल हैं। (समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

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