350% टैरिफ की धमकी दी तब रुका सघर्ष, भारत-पाक युद्ध पर ट्रंप का एक और दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को 350% टैरिफ लगाने की धमकी देकर रुकवाया था। ट्रंप के अनुसार, पीएम मोदी ने उन्हें फोन करके युद्ध न करने की बात कही थी, जबकि पाकिस्तानी पीएम ने आभार जताया था। हालांकि, भारत ने हमेशा किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया है और विदेश मंत्रालय ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

ट्रंप का एक और दावा। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रुकवाने का फिर दावा किया है। दावे में अब कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को 350 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी देकर उनके बीच संघर्ष को रुकवाया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें फोन करके कहा था, 'हम युद्ध नहीं करेंगे।' जबकि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने फोन करके उनका आभार जताया था। बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद सात मई को भारत ने पाकिस्तान और गुलाम जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर हमला किया था।
टैरिफ से रुकवाया युद्ध: ट्रंप
इसके बाद संघर्ष भड़क गया था और दस मई को संघर्ष विराम हुआ था। तब से ट्रंप संघर्ष रुकवाने का अपना दावा 60 से अधिक बार दोहरा चुके हैं। हालांकि भारत ने हमेशा किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इन्कार किया है।
ट्रंप ने बुधवार को अमेरिका-सऊदी अरब निवेश फोरम में कहा, 'मैं विवादों को सुलझाने में अच्छा हूं और हमेशा ऐसा ही कर रहा हूं। मैं विभिन्न युद्धों के बारे में बात कर रहा हूं। भारत, पाकिस्तान वे एक-दूसरे पर परमाणु हथियारों से हमले करने वाले थे।'
अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि उन्होंने परमाणु संपन्न दोनों पड़ोसी देशों से कहा कि वे ऐसा कर सकते हैं, लेकिन मैं प्रत्येक देश पर 350 प्रतिशत टैरिफ लगा रहा हूं। अमेरिका के साथ कोई व्यापार नहीं होगा। दोनों देशों ने उनसे ऐसा नहीं करने के लिए कहा।
विदेश मंत्रालय की कोई प्रतिक्रिया नहीं
जागरण ब्यूरो के अनुसार, ट्रंप के बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। असलियत में मंत्रालय काफी पहले से भारत व पाकिस्तान के बीच संघर्ष खत्म कराने के ट्रंप के बयानबाजी को नजरअंदाज कर रहा है। ट्रंप तकरीबन रोजाना भारत व पाकिस्तान समेत दुनिया में एक दर्जन युद्ध समाप्त करने का दावा करते हैं और इस क्रम में उनकी तरफ से दिया जाने वाला बयान भी अलग-अलग होता है।
वह आपरेशन सिंदूर के दौरान पीएम मोदी से बात करने का दावा करते हैं, जबकि विदेश मंत्री एस जयशंकर इस बात से साफ तौर पर इन्कार कर चुके हैं। भारत का कहना है कि संघर्ष खत्म करने का फैसला भारत व पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच सीधी बातचीत से हुआ था, इसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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