पुतिन-ट्रंप मुलाकात से भारत के लिए 5 बड़ी बातें, रूसी तेल खरीदारों पर क्या होगा असर? जानें किसे होगा फायदा
अलास्का में डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की बैठक में यूक्रेन युद्ध को रोकने पर कोई समझौता नहीं हुआ। दोनों नेताओं ने मीटिंग को सकारात्मक बताया जिस पर दुनिया की नजर थी क्योंकि इसके नतीजों का भारत पर असर हो सकता है। अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है जिसमें रूसी तेल पर अतिरिक्त टैरिफ भी शामिल है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलास्का में हुई बैठक से किसी ठोस समझौते की घोषणा नहीं हुई। यूक्रेन युद्ध को रोकने या सीजफायर पर दोनों बड़े नेता सहमति नहीं बना पाए।
हालांकि, पुतिन और ट्रंप ने इस मीटिंग को उपयोगी और साकारात्मक बताया। इस बैठक पर पूरी दुनिया की नजर थी। मॉस्को और वाशिंगटन से लेकर यूरोप और भारत की भी नजरें इस मीटिंग पर टिकी हुई थी।
नतीजों का भारत पर पड़ सकता है असर
इसके पीछे का कारण यह है कि इस बैठक के नतीजों का भारत पर भी सीधा असर हो सकता था। अमेरिका ने हाल ही में भारत पर 50% टैरिफ लगाया है, जिसमें रूसी तेल खरीदने पर 25% का एक्सट्रा टैरिफ शामिल है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम भारत की जीडीपी का लगभग 1% तक नुकसान कर सकता है। बैठक के बाद ट्रंप ने कहा कि अभी समझौते की दूरी बाकी है। उन्होंने स्वीकार किया कि हम अभी वहां नहीं पहुंचे हैं और आगे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और नाटो नेताओं से चर्चा करेंगे।
ट्रंप ने नहीं लिया भारत का नाम
ट्रंप ने यह जरूर कहा कि हमने कुछ प्रगति की है, लेकिन जब तक पक्का समझौता नहीं हो जाता है तब तक कोई डील नहीं है। फॉक्स न्यूज से बातचीत में भी ट्रंप ने कोई ठोस जानकारी नहीं दी कि पुतिन से किन मुद्दों पर बातचीत हुई। बस इतना कहा कि बातचीत साकारात्मक रही।
बैठक के बाद ट्रंप ने कहा कि फिलहाल चीन पर नए टैरिफ लगाने को लेकर वे रुक सकते हैं, क्योंकि पुतिन के साथ कुछ प्रगति हुई है। लेकिन उन्होंने भारत का नाम नहीं लिया। इस बीच पुतिन ने ट्रंप की तारीफ की और कहा कि बातचीत दोस्ताना माहौल में हुई।
सिर्फ 15 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस
मीटिंग के बाद दोनों नेताओं ने सिर्फ 15 मिनट की औपचारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें किसी ठोस नतीजे की घोषणा नहीं हुई। यूक्रेन पर हमलों और नागरिकों की मौत जैसे मुद्दों पर ट्रंप ने कुछ नहीं कहा।
ट्रंप ने संकेत दिया कि भविष्य में वह पुतिन और जेलेंस्की की मुलाकात कराने पर विचार कर रहे हैं, जहां वे खुद भी मौजूद रह सकते हैं। हालांकि, पुतिन ने इस पर कोई बात नहीं की।
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