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    'वे टैरिफ के महाराज हैं', ट्रंप के व्यापार सलाहकार ने रूसी तेल खरीद पर भारत को लेकर क्यों कहा ऐसा?

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 09:09 AM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत को टैरिफ का महाराज बताया है। उन्होंने भारत पर रूसी तेल का आयात जारी रखकर मुनाफाखोरी करने का आरोप लगाया और दावा किया कि जल्द ही भारत पर 50% टैरिफ लागू हो जाएगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि भारत सरकार सभी बयानों पर कड़ी नजर रखे हुए है।

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    भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ट्रंप ने किया है एलान।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल के दिनों में भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का एलान किया। कुछ दिनों बाद इस अतिरिक्त टैरिफ के प्रभावित होने की संभावना है।

    इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत को टैरिफ का महाराज करार दिया है। उन्होंने भारत पर रूसी तेल का आयात जारी रखकर मुनाफाखोरी की योजना चलाने का आरोप तक लगाया है। उन्होंने दावा किया कि बस कुछ दिनों बाद से ही भारत पर पूरा 50 प्रतिशत टैरिफ लागू हो जाएगा।

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    जानिए क्या बोले ट्रंप के व्यापार सलाहकार

    बता दें कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने 27 अगस्त से भारत पर लागू होने वाले 25 प्रतिशत के दंडात्मक टैरिफ के बारे में पूछे जाने पर नवारो ने व्हाइट हाउस के बाहर संवाददाताओं से कहा कि मुझे ऐसा होता हुआ दिख रहा है।

    नवारों ने कहा कि फरवरी 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध से पहले भारत वस्तुतः कोई रूसी तेल नहीं खरीदता था। उन्होंने दावा कि यह उनकी (भारत) जरूरत का लगभग एक प्रतिशत था। नवारों ने कहा कि अब यह प्रतिशत बढ़कर 35 प्रतिशत हो गया है, उन्हें तेल की जरूरत नहीं है। यह एक रिफाइनिंग मुनाफा-साझाकरण योजना है। यह क्रेमलिन के लिए एक लॉन्ड्रोमैट है। यही इसकी सच्चाई है।

    भारत ने दिया है सीधा जवाब

    बता दें कि रूस की यात्रा पर पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों की अमेरिकी अधिकारियों द्वारा की गई आलोचना का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत सरकार अमेरिका के सभी बयान पर कड़ी नजर रखे हुए है।

    विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम एक ऐसा देश हैं जहां, वास्तव में, अमेरिकी पिछले कुछ वर्षों से कह रहे हैं कि हमें विश्व ऊर्जा बाजारों को स्थिर करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए, जिसमें रूस से तेल खरीदना भी शामिल है।

    भारत और रूस के बीच तेल व्यापार से अमेरिका है परेशान

    गौरतलब है कि भारत ने साल 2022 में यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर आक्रमण शुरू होने के बाद से रूस से तेल आयात बढ़ा दिया था। बता दें कि साल 2022 में जब सात देशों के समूह ने क्रेमलिन के ऊर्जा राजस्व को सीमित करने के उद्देश्य से मास्को के कच्चे तेल पर 60 डॉलर प्रति बैरल की मूल्य सीमा लगा दी थी, तब से भारत ने रूस से तेल आयात बढ़ा दिया है।

    इधर, अमेरिका के ट्रंप प्रशासन का दावा है कि ये खरीद रूस के युद्ध के वित्तपोषण में मदद कर रही हैं, और भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ किसी भी देश के उत्पादों पर सबसे अधिक टैरिफ में से एक होगा। (समाचार एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)

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