ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात, टॉमहॉक पर बनेगी बात? टेंशन में पुतिन!
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की मुलाकात होने वाली है। अटकलें हैं कि अमेरिका यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलें दे सकता है, जिससे रूस चिंतित है। ट्रंप और पुतिन ने भी संघर्ष खत्म करने पर बात की है। जेलेंस्की को टॉमहॉक मिलने की उम्मीद है, जिससे क्रेमलिन की चिंता बढ़ सकती है। टॉमहॉक मिसाइल की क्षमता रूस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।

ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात, टॉमहॉक पर बनेगी बात? (रॉयटर्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे। इसी बीच अटकलें लगाई जा रही हैं कि अमेरिका यूक्रेन को लंबी दूरी की टॉमहॉक क्रूज मिसाइसें दे सकता है, जो युद्ध को पूरी तरह बदल कर रख देंगी।
यह मुलाकात ट्रंप की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ सकारात्मक फोन कॉल के बाद होगी, जिसमें दोनों नेताओं ने संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों पर चर्चा की थी।
ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि हमारे पास बहुत सारे टॉमहॉक हैं लेकिन इसे अपने देश से कम नहीं कर सकते हैं। ट्रंप की यह टिप्पणी पुतिन की उस टिप्पणी के बाद आई जिसमें उन्होंने चेतावनी दी कि इस कदम सके अमेरिका-रूस संबंधों को काफी नुकसान होगा और युद्ध के मैदान की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आएगा।
जेलेंस्की को टॉमहॉक मिलने की उम्मीद
जेलेंस्की को उम्मीद है कि अमेरिका उन्हें टॉमहॉल मिसाइलें दे सकता है। इस हफ्ते की शुरुआत में उन्होंने कहा था कि हम देख और सुन रहे हैं कि रूस को डर है कि अमेरिकी हमें टॉमहॉक दे सकते हैं और इस तरह का दबाव शांति के लिए कारगर हो सकता है।
यूक्रेन को टॉमहॉक मिलने से बढ़ेगी क्रेमलिन की चिंता
ट्रंप की यह हिचकिचाहट नए कूटनीतिक प्रयासों के बाद आई है। वह शांति प्रस्तावों पर चर्चा के लिए जल्द ही बुडापेस्ट में पुतिन से मिलने की योजना बना रहे हैं, क्योंकि वह युद्ध की समाप्ति को अपनी विदेश नीति का शीर्ष लक्ष्य बताते हैं। लेकिन मॉस्को द्वारा हमले तेज करने और यूक्रेन द्वारा अधिक उन्नत हथियारों की मांग के बीच, टॉमहॉक की संभावित बिक्री चर्चा का विषय बन गई है, जिससे कीव में उत्साह है और क्रेमलिन भी चिंतित है।
रेथियॉन द्वारा 1970 के दशक में विकसित टॉमहॉक क्रूज मिसाइल, अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की मारक क्षमताओं का आधारशिला बनी हुई है। इराक, लीबिया और सीरिया में इस्तेमाल की जाने वाली यह मिसाइल रेंज, सटीकता और सीक्रेसी का मिश्रण है। ऐसे में यदि यूक्रेन को ये मिसाइल मिल जाती है तो रूस के लिए नई मुश्किलें बढ़ जाएंगी। क्रेमलिन कभी नहीं चाहेगा कि अमेरिका यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें दे।
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