न्यूक्लियर हथियारों में US ने किया बड़ा अपग्रेड, B61-12 न्यूक्लियर की अमेरिका ने की सफल टेस्टिंग
अमेरिका ने एफ-35ए लड़ाकू विमान से बी61-12 परमाणु गुरुत्वाकर्षण बम का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण नेवादा के टोनोपा परीक्षण रेंज में किया गया। इस पर ...और पढ़ें
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न्यूक्लियर हथियारों में US ने किया बड़ा अपग्रेड। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका ने स्टेल्थ एफ-35ए लड़ाकू विमान से बी61-12 परमाणु गुरुत्वाकर्षण बम का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया। अमेरिकी ऊर्जा विभाग की सैंडिया राष्ट्रीय प्रयोगशाला ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की।
यह कदम विश्वभर में परमाणु हथियारों की होड़ फिर से शुरू कर सकता है। यह परीक्षण नेवादा के टोनोपा परीक्षण रेंज में 19 से 21 अगस्त तक यूटा के हिल एयर फोर्स बेस के सहयोग से किया गया। परीक्षणों में बी61-12 की निष्कि्रय इकाइयों को एफ-35ए विमान से छोड़ा गया।
परिचालन स्थितियों में विमान, चालक दल और हथियार ने संपूर्णता में प्रदर्शन किया। बी61-12 का पूर्ण पैमाने पर उत्पादन मई में शुरू हुआ है, जिसके 2026 में पूरा होने की उम्मीद है। अमेरिकी राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन ने कहा कि ये परीक्षण हथियार और उसके वितरण प्लेटफार्म की परिचालन तत्परता के मूल्यांकन के लिए किया गया था।
परमाणु मिशनों के लिए विश्वसनीयता की पुष्टि
बी61-12 अपने विकास के बाद से अमेरिकी परमाणु शस्त्रागार का हिस्सा रहा है। यह 2024 के अंत में पूरा किए गए एक जीवन विस्तार कार्यक्रम से गुजरा है, जिससे इसका सेवाकाल 20 वर्षों तक बढ़ गया है। सफल परीक्षणों ने बम की एफ-35 के साथ संगतता को प्रमाणित किया और भविष्य के परमाणु मिशनों के लिए इसकी विश्वसनीयता की पुष्टि की।
सुरक्षा सुविधाओं का आधुनिकीकरण करना मुख्य उद्देश्य
सैंडिया राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के अनुसार, इसमें एन्कि्रप्शन एल्गोरिदम को उन्नत करना, सुरक्षा और उपयोग-नियंत्रण सुविधाओं का आधुनिकीकरण और भविष्य के विमान डिजाइनों के साथ समन्वय शामिल है। सैंडिया के जेफरी बायड ने कहा कि टेस्ट के दौरान एफ-35 पर ले जाने के लिए एक संयुक्त परीक्षण असेंबली की पहली थर्मल प्रीकंडीशनिंग भी शामिल थी।
प्रीकंडीशनिंग प्रक्रिया में बम छोड़ने से पहले चरम स्थितियों में उसका परीक्षण किया जाता है। इसने यह सुनिश्चित किया कि बी61-12 वास्तविक दुनिया में तैनाती के लिए आवश्यक मानकों को पूरा करता है। 1968 से अमेरिकी वायुसेना और नाटो के ठिकानों पर तैनात बी61 परमाणु गुरुत्वाकर्षण बम का उन्नत संस्करण बी61-12 है।
गौरतलब है कि परमाणु बम किसी भी हथियार के लिए एक सामान्य शब्द है जो न्यूक्लियर रिएक्शन का उपयोग करता है, जबकि एक परमाणु गुरुत्वाकर्षण बम एक विशिष्ट प्रकार का परमाणु बम है जो अपने प्रक्षेप पथ के लिए पूरी तरह गुरुत्वाकर्षण पर निर्भर करता है और इसमें मार्गदर्शन प्रणाली का अभाव होता है।

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