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    अमेरिका ने आठ भारतीयों पर लगाए प्रतिबंध, ईरान के तेल व्यापार में मदद का आरोप

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 03:30 AM (IST)

    अमेरिका ने ईरान के तेल व्यापार में मदद करने के आरोप में आठ भारतीयों पर प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के अनुसार, इन व्यक्तियों ने यूएई स्थित कंपनियों के साथ मिलकर ईरान के पेट्रोकेमिकल उत्पादों की बिक्री और शिपिंग में मदद की। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य ईरान के तेल राजस्व को कम करना और उसे परमाणु हथियार विकसित करने से रोकना है।

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    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप (फाइल)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका ने ईरान के तेल व्यापार में मदद के आरोप में 50 से अधिक कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें आठ भारतीय नागरिक और भारत स्थित कई कंपनियां हैं।विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि ईरानी सरकार की दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उपयोग किए जा रहे धन को रोकने के लिए लगभग 40 संस्थाओं, व्यक्तियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं।

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    इसके साथ ही अमेरिकी वित्त मंत्रालय के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (ओएफएसी) ने ईरानी पेट्रोलियम और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) का वैश्विक बाजारों में निर्यात करने में शामिल 50 से अधिक संस्थाओं, व्यक्तियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इन दोनों विभागों द्वारा जारी सूचियों में आठ भारतीय नागरिकों के नाम हैं। इन्हें अमेरिका की स्पेशयली डेजिग्नेटेड नेशनल्स (एसडीएन) एंड ब्लाक्ड पर्सन सूची में शामिल किया गया है।

    अमेरिका ने आठ भारतीयों पर लगाए प्रतिबंध

    इस सूची में शामिल लोग और कंपनियां अमेरिकी नागरिकों के साथ व्यापार नहीं कर सकते और उनके अमेरिका में प्रवेश पर भी प्रतिबंध लग जाता है। प्रतिबंधित लोगों में नीति उमेश भट्ट का नाम है, जिनकी भारत स्थित कंपनी इंडिसोल मार्केटिंग प्राइवेड लिमिटेड पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

    पीयूष मगनलाल जाविया और उनकी कंपनी केमोविक प्राइवेट लिमिटेड पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। कमला कनायालाल कसाट, कुनाल कनायालाल कसाट और पूनम कुनाल कसाट का नाम भी सूची में है। उनकी कंपनी हरेश पेट्रोकैम प्राइवेट लिमिटेड ने जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच एक करोड़ अमेरिकी डालर के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया।

    वरुण पुला पर भी प्रतिबंध लगाया

    इन तीनों व्यक्तियों और उनकी कंपनी पर प्रतिबंध लगाया गया है। मार्शल आइलैंड में स्थित बर्था शिपिंग इंक के मालिक वरुण पुला पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। यह कंपनी कामरोस के ध्वज वाले जहाज पामिर को संचालित करती है, जिसने जुलाई 2024 से लगभग 40 लाख बैरल ईरानी एलपीजी की चीन तक ढुलाई की।

    वेगा स्टार शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेडव पर प्रतिबंध

    ईवी लाइंस इंक के मालिक एवं एक अन्य भारतीय नागरिक इयप्पन राजा भी इस सूची में शामिल हैं। उनकी कंपनी पनामा-ध्वज वाले जहाज सैफियर गैस को संचालित करती है। इस जहाज ने अप्रैल 2025 से चीन तक 10 लाख बैरल से अधिक ईरानी एलपीजी की ढुलाई की। इस कंपनी को भी प्रतिबंधित सूची में डाला गया है। वेगा स्टार शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की मालिक सोनिया श्रेष्ठा और उनकी कंपनी पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

    यह कंपनी नेप्टा नामक कामरोस-ध्वज वाले जहाज का संचालन करती है, जिसने जनवरी 2025 से पाकिस्तान को ईरानी एलपीजी की ढुलाई की। सूची में शामिल अन्य भारत-आधारित कंपनियों में बीके सेल्स कारपोरेशन, सीजे. शाह एंड कंपनी, मोडी केम, पारीकेम रिसोर्सेज एलएलपी और शिव टेक्सकेम लिमिटेड शामिल हैं।

    (समाचार एजें पीटीआई के इनपुट के साथ)