Canada New Citizenship Bill: क्या है कनाडा का नया नागरिकता विधेयक, भारतीयों पर कितना पड़ेगा असर? जानिए डिटेल
कनाडा अपने नागरिकता कानून में बदलाव करने जा रहा है जिसके लिए संसद में एक विधेयक पेश किया गया है। यह विधेयक वंश के आधार पर नागरिकता की सीमा को हटाता है और पहले के कानून की गलतियों को सुधारने का प्रयास करता है। नए कानून के अनुसार माता-पिता को कनाडा से पर्याप्त संबंध प्रदर्शित करना होगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कनाडा अपने नागरिकता कानून में महत्वपूर्ण बदलाव करने जा रहा है। हाल के दिनों में कनाडा आव्रजन मंत्री लीना मेटलेज डायब द्वारा एक नया नागरिकता कानून विधेयक संसद में पेश किया गया। इसको C-3 के नाम से जानते हैं।
बताया जा रहा है कि यह विधेयक वंश के आधार पर नागरिकता की मौजूदा सीमा को हटा देता है। गुरुवार को इसे कनाडा की संसद में पेश किया गया था। नए विधेयक में उन गलतियों को ठीक करने की कोशिश की गई है, जो पहले के कानून में हैं।
वर्तमान का कानून क्या कहता है?
कनाडा का वर्तमान का नागरिकता कानून कहता है कि कनाडा के बाहर जन्मा कोई भी कनाडाई नागरिक विदेश में जन्मे अपने बच्चे को अपनी नागरिकता नहीं दे पाएगा। दरअसल, साल 2009 में इस कानून को संसद में पेश किया गया था। इस कानून बताता है कि वंश के आधार पर नागरिकता केवल कनाडा में जन्मी पहली पीढ़ी तक ही सीमित थी। इसी गलती को सुधारने के लिए कनाडा में नया कानून लाया गया है।
नए कानून में कहा गया कि माता-पिता को कनाडा से पर्याप्त संबंध प्रदर्शित करना चाहिए। इसे बच्चे के जन्म या गोद लिए जाने से पहले कम से कम देश में तीन साल की शारीरिक उपस्थिति होनी आवश्यक होगी।
पहले केवल पहली पीढ़ी को मिलती थी नागरिकता
बताया जाता है कि इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (आईआरसीसी) के अनुसार, कनाडा के बाहर जन्में लोगों के लिए वंश द्वारा नागरिकता की पहली पीढ़ी की सीमा के कारण अधिकांश कनाडाई नागरिक जो वंश द्वारा नागरिक हैं। वे बाहर देश के बाहर जन्में या गोद लिए अपने बच्चे को नागरिकता नहीं दे सकते हैं। कनाडा के इस कानून के कारण लोगों को काफी परेशानी भी रही है।
विधेयक से इन लोगों को सीधा फायदा
अगर कनाडा की संसद से नया विधेयक पारित होता है तो इससे काफी लोगों को फायदा होने जा रहा है। हाल के दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने आव्रजन नीतियों को सख्त किया है। ट्रंप के इस फैसले के बीच कनाडा सरकार द्वारा लाया जा रहा ये विधेयक भारतीय प्रवासियों और अन्य अप्रवासी समुदायों के लिए लाभाकारी साबित हो गया है। बता दें कि इसी साल 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी और एफ-1 जैसे अस्थायी वीजा पर माता-पिता के अमेरिका में जन्मे बच्चों के जन्मसिद्ध अधिकार को समाप्त कर दिया था।
कानून बनने में लगेगी देरी
भले की कनाडा की संसद में इस विधेयक को पेश कर दिया गया हो, लेकिन इसे कानून बनने में काफी समय लग सकता है। विधेयक को कानून बनने के लिए तीन रेटिंग पास करनी होंगी और फिर शाही स्वीकृति प्राप्त करनी होगी।
वहीं, आईआरसीसी ने पुष्टि करते हुए बताया कि यदि विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हो जाता है और शाही स्वीकृति प्राप्त कर लेता है, तो हम परिवर्तनों को प्रभावी बनाने के लिए यथासंभव तेजी से काम करेंगे।
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