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    कनाडा के लिए भस्मासुर बन रहा खालिस्तानी चरमपंथ, सुरक्षा से लेकर भारत के साथ संबंधों के लिए बन रहा खतरा

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 11:30 PM (IST)

    कनाडा खालिस्तानी उग्रवाद और गिरोहों द्वारा संचालित जबरन वसूली के गठबंधन से जूझ रहा है जिससे सार्वजनिक सुरक्षा और भारत के साथ संबंधों पर असर पड़ रहा है। हाल ही में कपिल शर्मा के सरे स्थित कैप्स कैफे रेस्टोरेंट पर दोबारा गोलीबारी हुई। रिपोर्ट में कनाडा से भारत के साथ खुफिया जानकारी साझा करने और खालिस्तानी उग्रवाद से निपटने का आग्रह किया गया है।

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    कनाडा के लिए भस्मासुर बन रहा खालिस्तानी चरमपंथ

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा खालिस्तानी चरमपंथ और गिरोह-संचालित जबरन वसूली के गठजोड़ का सामना कर रहा है। इससे जन सुरक्षा, सामुदायिक विश्वास और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को खतरा है।

    हाल ही में, भारतीय हास्य अभिनेता कपिल शर्मा और उनकी पत्नी गिन्नी चतरथ के स्वामित्व वाले सरे स्थित 'कैप्स कैफे' रेस्टोरेंट पर एक महीने से भी कम समय में दूसरी बार गोलीबारी हुई। सात अगस्त को, हमलावरों ने रेस्टोरेंट में 25 राउंड गोलियां चलाईं। खालसा वाक्स की रिपोर्ट में बताया गया कि कैप्स कैफे पर हुए हमलों की जिम्मेदारी कथित तौर पर लारेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्यों ने ली थी।

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    कनाडा में चरमपंथियों-गैंग्सटरों का गठजोड़

    सात अगस्त के हमले में बिश्नोई गिरोह के हाथ थे, जबकि 10 जुलाई के हमले की जिम्मेदारी बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआइ) के कथित भगोड़े हरजीत सिंह लाडी ने ली थी। सरे में हुए हमले कोई अलग-थलग अपराध नहीं हैं, बल्कि व्यापक संकट को दर्शाते हैं जहां गैंग्सटर, आतंकवादी और वैचारिक चरमपंथी आपस में मिल रहे हैं, जिससे कनाडा की सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव को खतरा पहुंच रहा है।

    कपिल के कैप्स कैफे पर हुआ हमला

    रिपोर्ट में कहा गया है कि कैप्स कैफे में चलाई गई गोलियां केवल जबरन वसूली का मामला नहीं है, बल्कि यह कनाडा की विश्वसनीयता, सुरक्षा और एकता की रक्षा का मामला है। रिपोर्ट में इस पर जोर दिया गया कि कनाडाई अधिकारियों को भारत के साथ खुफिया जानकारी साझा करनी चाहिए और बिना किसी राजनीतिक हिचकिचाहट के खालिस्तानी चरमपंथ से निपटने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए।

    (समाचार एजेंसी आइएएनएस के इनपुट के साथ)

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