ट्रंप को घेरने का मौका नहीं छोड़ रहा ड्रैगन, आसियान देशों के साथ FTA को दिया विस्तार
चीन ने आसियान देशों के साथ अपने पुराने मुक्त व्यापार समझौते को नया रूप दिया है, जिसमें डिजिटल और हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। प्रधानमंत्री ली क्विंग ने एकता का संदेश दिया और अमेरिका को गैर-अमेरिकी देशों की एकजुटता का संकेत दिया गया है। इस समझौते से व्यापार बाधाएं दूर होंगी और विकास के नए अवसर मिलेंगे। यह कदम ट्रंप प्रशासन के टैरिफ से निपटने की दिशा में उठाया गया है।

डिजिटल और हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जाएगा (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के भारी भरकम टैरिफ का तोड़ निकालते हुए चीन ने मंगलवार को आसियान देशों के साथ 2010 से चले आ रहे मुक्त व्यापार समझौते को नया विस्तार दिया। इसके तहत नए तरह के उद्योगों के साथ-साथ डिजिटल और हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जाएगा।
इस मौके पर चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने कहा कि एकता में बल है। हमें दुनिया को पुराने जंगल राज की ओर नहीं जाने देना चाहिए, जहां ताकतवर पक्ष कमजोर का शिकार करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे टैरिफ वार बढ़ाने पर लगे अमेरिका को ये संदेश जाएगा कि उसके खिलाफ गैर अमेरिकी देशों की एकजुटता मजबूत हो रही है।
771 अरब डॉलर का सबसे बड़ा द्विपक्षीय समझौता
चीन और अमेरिका के बीच टकराव बढ़ने से पूरी दुनिया की आर्थिक विकास दर कमजोर होने के खतरे से जूझ रही थी। वहीं सिंगापुर के प्रधानमंत्री लारेंस वोंग ने समझौते पर प्रतिक्रिया में कहा कि इस समझौते से व्यापार बाधाएं दूर होंगी, सप्लाई चेन कनेक्टिविटी मजबूत होगी और भविष्य के विकास वाले क्षेत्रों में नए अवसर बनेंगे। चीन ने पूर्व में कहा है कि एफटीए से कृषि, डिजिटल अर्थव्यवस्था और फार्मास्युटिकल्स के क्षेत्र में बेहतर बाजार पहुंच हासिल होगी।
अनुमान के मुताबिक आसियान के 11 सदस्य देशों के साथ चीन का ये 771 अरब डालर का सबसे बड़ा द्विपक्षीय समझौता माना जा रहा है। ट्रंप प्रशासन के भारी भरकम टैरिफ से निपटने के लिए चीन आसियान देशों के साथ इस तरह के समझौते को और तेज करना चाहता है। बता दें कि आसियान देशों की संयुक्त जीडीपी 3.8 खरब डालर की है। इस समझौते को एफटीए 3.0 माना जा रहा है।
नवंबर 2022 में इस पर चर्चा शुरू हुई थी
चीन और आसियान के बीच नवंबर 2022 में इस पर चर्चा शुरू हुई थी। मई में ट्रंप की टैरिफ घोषणाओं के बाद इस पर तेजी से काम किया गया। बता दें कि पहली बार एफटीए 2010 में अमल में आया था। इस दौरान 235.5 अरब डालर का व्यापार हुआ था, जो साल 2024 में बढ़कर एक खरब डालर हो गया।
चीन और आसियान दोनों ही क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) का हिस्सा हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा व्यापारिक समूह है और दुनिया की लगभग एक-तिहाई आबादी और वैश्विक जीडीपी का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा कवर करता है।
हालांकि इस समझौते में चीन के अग्रणी भूमिका में होने के साथ ही उसकी सैन्य महत्वाकांक्षाएं आसियान देशों के लिए ¨चता का कारण हैं। सोमवार को फिलिपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता की आलोचना की थी। चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है और अपने आधिकारिक नक्शे में वह ब्रुनेई, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और वियतनाम के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र को भी शामिल दिखाता है।
(न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

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