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    न्यूक्लियर वेपन, समुद्री ड्रोन और हाइपरसोनिक मिसाइल..., तस्वीरों में देखें चीन की 'पावर परेड'

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 10:25 AM (IST)

    चीन ने द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ पर अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने परेड की अगुवाई की जिसमें कई नए हथियार जैसे मिसाइलें लड़ाकू विमान और ड्रोन प्रदर्शित किए गए। खास तौर पर JL-1 न्यूक्लियर मिसाइल और DF-5C इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल ने सबका ध्यान खींचा। J-35 जैसे कैरियर-बेस्ड लड़ाकू विमान और AI से लैस ड्रोन भी दिखाए गए।

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    चीन ने अपनी नौसेना और वायुसेना के नए हथियारों का भी प्रदर्शन किया।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन ने बुधवार को अपनी सैन्य ताकत का दुनिया के सामने प्रदर्शन किया। मिसाइलों, लड़ाकू विमानों और नए हथियारों की शानदार परेड ने पूरी दुनिया का ध्यान बीजिंग की ओर खींच लिया। यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ पर हुई।

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    राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस परेड की अगुवाई की। करीब दो दर्जन विदेशी नेता भी इस मौके पर मौजूद थे। इस परेड में कई नए हथियार पहली बार दुनिया के सामने आए। इनमें ड्रोन, मिसाइलें और विमान शामिल थे।

    नए हथियारों का चीन ने किया प्रदर्शन

    परेड में कई ऐसे हथियार दिखे, जो पहली बार सार्वजनिक किए गए। इनमें जमीन, समुद्र और हवा में इस्तेमाल होने वाली मिसाइलें, ड्रोन और सटीक निशाना लगाने वाले हथियार शामिल थे। आसमान में लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों ने शानदार उड़ान भरी।

    खास तौर पर JL-1 न्यूक्लियर मिसाइल और DF-5C इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल ने सबका ध्यान खींचा। DF-5C की रेंज 13,000 किलोमीटर से ज़्यादा है और यह 10 स्वतंत्र निशाने वाली मिसाइलें ले जा सकती है।

    इनके अलावा, CJ-1000 हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल और HQ-29 एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल भी दिखाई गईं। HQ-29 को अंतरिक्ष में बैलिस्टिक मिसाइलों और सैटेलाइट्स को निशाना बनाने के लिए बनाया गया है। यह चीन की मिसाइल डिफेंस सिस्टम का अहम हिस्सा है।

    चीनी नौसेना और वायुसेना में कितनी ताकत? 

    चीन ने अपनी नौसेना और वायुसेना के नए हथियारों का भी प्रदर्शन किया। J-35 और J-15T जैसे कैरियर-बेस्ड लड़ाकू विमान पहली बार दिखे। J-35 को चीन का सबसे आधुनिक स्टील्थ फाइटर बताया जा रहा है, जो दूर समुद्र में रक्षा के लिए बनाया गया है। इसके अलावा H-6J लॉन्ग-रेंज बॉम्बर भी दिखा, जो YJ-12 एंटी-शिप मिसाइलों से लैस है।

    Y-20A और Y-20B ट्रांसपोर्ट विमान भी परेड का हिस्सा थे। Y-20B में चीन के अपने बनाए WS-20 इंजन लगे हैं, जो इसे और मजबूत बनाते हैं। KJ-600, जो चीन का पहला कैरियर-बेस्ड AWACS विमान है, भी पहली बार दिखा। यह 1,200 किलोमीटर तक की निगरानी कर सकता है।

    ड्रोन और अनमैन्ड सिस्टम का जोर

    परेड में AI से लैस ड्रोन और अनमैन्ड सिस्टम ने भी सबको चौंकाया। इनमें रेकी और हमले करने वाले ड्रोन, अनमैन्ड विंगमैन और शिपबोर्न हेलीकॉप्टर शामिल थे। ये ड्रोन स्टील्थ हमले, बड़े इलाके की निगरानी और स्वचालित झुंड में काम कर सकते हैं। सेना और नौसेना के लिए बने अनमैन्ड वाहन भी दिखे, जो माइन साफ करने, गोला-बारूद पहुंचाने और घायलों को निकालने जैसे काम कर सकते हैं।

    DF-26D और YJ-15 जैसी मिसाइलें भी परेड में नज़र आईं। DF-26D की रेंज 5,000 किलोमीटर है और यह न्यूक्लियर और पारंपरिक दोनों तरह के हथियार ले जा सकती है। YJ-15 को ‘कैरियर किलर’ कहा जाता है, जो दुश्मन के जहाजों पर तेज हमला करने के लिए बनाई गई है।

    टैंक और रॉकेट लॉन्चर की प्रदर्शनी

    चीन ने अपने नए टाइप 99B टैंक को भी दिखाया, जो 125mm तोप और लेजर डिफेंस सिस्टम से लैस है। यह टैंक तिब्बत जैसे ऊंचे इलाकों में इस्तेमाल हो चुका है। इसके अलावा PHL-16 रॉकेट लॉन्चर भी दिखा, जिसे ताइवान स्ट्रेट में लंबी दूरी के हमलों के लिए अहम माना जाता है। इसे अमेरिका के हिमार्स सिस्टम जैसा बताया जा रहा है।

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