SCO समिट में पीएम मोदी के स्वागत को बेताब चीन, कहा- हमारे रिश्तों में नया अध्याय
चीन अमेरिका की टैरिफ नीति के कारण भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है। चीनी अखबार ने पीएम मोदी की संभावित चीन यात्रा का स्वागत किया है। अखबार ने कहा कि बेहतर भारत-चीन संबंध दोनों देशों के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होंगे। अखबार ने एक हिंदी कहावत का उल्लेख करते हुए आपसी सहयोग को बढ़ावा देने की बात कही है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका और डोनाल्ड की टैरिफ नीति से बढ़ती अनिश्चितता के बीच चीन अब भारत के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहा है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित चीन यात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि भारत-चीन के बीच बेहतर संबंध न केवल दोनों देशों को फायदा देंगे, बल्कि पूरी दुनिया के लिए ये एक अच्छा परिणाम साबित होगा।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि पीएम मोदी की आगामी चीन यात्रा से भारत-चीन के रिश्तों में नया अध्याय शुरू हो सकता है।
हिन्दी कहावत का किया जिक्र
पोस्ट में एक हिन्दी कहावत का जिक्र करते हुए लिखा, "अपने भाई की नाव को किनारे तक पहुंचाने में मदद करो, तु्म्हारी नाव खुद किनारे पहुंच जाएगी।" ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि अगर इस यात्रा को एक मौका समझे और अपनी चीन नीति में सरारात्मक बदलाव लाए, तो दोनों देशों के बीच सहयोग के लिए और भी बड़ी संभावनाएं हैं।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने तियानजिन शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पीएम मोदी की चीन यात्रा की खबरों को लेकर कहा कि चीन SCO तियानजुन शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी का स्वागत करता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान
उन्होंने कहा, "हमारा मानना है कि सभी पक्षों के सम्मिलित प्रयास से तियानजिन शिखर सम्मेलन एकजुटता, मित्रता और सार्थक परिणामों का एक समागम होगा और एससीओ अधिक एकजुटता, समन्वय, गतिशीलता और उत्पादकता के साथ उच्च-गुणवत्ता वाले विकास के एक नए चरण में प्रवेश करेगा।"
चीन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। गुओ ने कहा कि एससीओ के सभी सदस्य देशों और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों सहित 20 से अधिक देशों के नेता संबंधित कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
ग्लोबल टाइम्स ने क्या इशारा किया?
ग्लोबल टाइम्स ने यह भी कहा कि चीन और भारत दोनों देशों के पास आतंकवाद, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे मुद्दों पर मिलकर काम करने का बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के जरिए दोनों देशओं का सहयोग क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए जरूरी है।
ग्लोबल टाइम्स ने यह भी इशारा किया कि अमेरिका भारत को अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति में शामिल करना चाहता है ताकि चीन को रोका जा सके। लेकिन, भारत की स्वतंत्र विदेश नीति इससे मेल नहीं खाती है।
बता दें, डोनाल्ड ट्रंप ने चीन और भारत पर भारी टैरिफ लगाकर दोनों देशों के साथ व्यापार युद्ध शुरू कर दिया है। अप्रैल में ट्रंप ने चीन पर टैरिफ लगाए, जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका पर टैक्स बढ़ा दिए। फिर दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद टैरिफ विवाद शांत हुआ।
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