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    ऐसे कैसे हो पाएगी भारत की चीन से दोस्ती? LAC के पास ये दुस्साहस करने जा रहा ड्रैगन, खर्च करेगा 13.2 अरब डॉलर

    भारत और चीन के रिश्तों में सुधार के बीच चीन शिनजियांग प्रांत को तिब्बत से जोड़ने के लिए एक रेल लिंक बना रहा है। इस परियोजना का कुछ हिस्सा भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास से गुजरेगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का लक्ष्य 2035 तक ल्हासा पर केन्द्रित 5000 किलोमीटर का पठारी रेल ढांचा स्थापित करना है।

    By Digital Desk Edited By: Abhishek Pratap Singh Updated: Mon, 11 Aug 2025 07:01 PM (IST)
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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, बीजिंग। ट्रंप ट्रैरिफ वार के बीच भारत और चीन के रिश्तों में सुधार होता दिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन जाने की खबरें भी सामने आ रही हैं। इस बीच चीन शिनजियांग प्रांत को तिब्बत से जोड़ने वाला रेल लिंक बनाने जा रहा है। इसका एक हिस्सा भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास होगा।

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    हांगकांग स्थिति साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, इस साल विश्व की सबसे महत्वाकांक्षी रेल परियोजनाओं में से एक पर का शुरू होने की उम्मीद है। इसमें एक सरकार स्वामित्व वाली कंपनी की स्थापना की जाएगी, जो शिनजियांग में होटन और तिब्बत में ल्हासा को जोड़ने वाली रेल लाइन के निर्माण और संचालन की देखरेख करेगी।

    चीन की एस कंपनी को किया गया रजिस्टर्ड

    शंघाई सिक्योरिटीज न्यूज के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि शिनजियांग-तिब्बत रेलवे कंपनी (एक्सटीआरसी) को औपचारिक रूप से 95 अरब युआन (13.2 अरब अमेरिकी डॉलर) की पूंजी के साथ पंजीकृत किया गया है और परियोजना के निर्माण के लिए इसका पूर्ण स्वामित्व चाइना स्टेट रेलवे ग्रुप के पास है।

    हुबेई स्थित हुआयुआन सिक्योरिटीज ने शुक्रवार को एक रिसर्च नोट में कहा, "इस महत्वाकांक्षी परियोजना का लक्ष्य 2035 तक ल्हासा पर केन्द्रित 5,000 किलोमीटर का पठारी रेल ढांचा स्थापित करना है।"

    रिपोर्ट में कहा गया है, "मार्ग के कुछ हिस्से चीन-भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास से भी गुजरेंगे, जो दोनों देशों के बीच वास्तविक सीमा है, जिससे यह शेष चीन की तुलना में कम बुनियादी ढांचे वाले सीमांत क्षेत्र में रक्षात्मक महत्व रखता है।"

    अक्साई चीन से होकर गुजरता हाईवे

    इस रास्ते पर चीन की मेगा अवसंरचना परियोजना शिनजियांग-तिब्बत राजमार्ग, जिसे जी219 राजमार्ग के नाम से भी जाना जाता है, अक्साई चीन क्षेत्र से होकर बनाई गई है और ये 1962 के युद्ध में एक प्रमुख विवाद बिंदु था। भारत ऐतिहासिक दावों और पिछली संधियों के आधार पर अक्साई चीन को अपना अभिन्न अंग मानता है।

    अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन

    चीन का तिब्बत क्षेत्र हवाई, सड़क और रेल नेटवर्क से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। ल्हासा से इसका हाई-स्पीड रेल नेटवर्क अरुणाचल प्रदेश की सीमा तक फैला हुआ है। गौरतलब है कि नए शिनजियांग-तिब्बत रेल संपर्क की चीन की योजना पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण चार साल से ज्यादा समय से रुके संबंधों के बाद बीजिंग और नई दिल्ली के बीच संबंधों के सामान्यीकरण की शुरुआत के ठीक बाद आई है। अक्साई चीन इसी क्षेत्र का हिस्सा है।

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