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    Trump Jinping Talk: थम जाएगा टैरिफ वॉर! ट्रंप और चिनफिंग के बीच फोन पर क्या हुई बात?

    Updated: Thu, 05 Jun 2025 11:55 PM (IST)

    डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। टैरिफ वॉर के मध्य चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर वार्ता की। सिन्हुआ के अनुसार यह वार्ता ट्रंप के आग्रह पर हुई। हाल ही में दोनों देशों ने व्यापार युद्ध को कम करने पर सहमति जताई है। पिछले महीने उन्होंने 90 दिनों के लिए टैरिफ को कम करने का निर्णय लिया।

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    चीन ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर हुई बात।(फाइल फोटो)

    रॉयटर, वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को चीनी समकक्ष शी चिन¨फग से टेलीफोन पर बात की। यह वार्ता दोनों देशों के व्यापार संबंधों पर केंद्रित थी। यह वार्ता आयात शुल्क (टैरिफ) और संवेदनशील वस्तुओं के व्यापार को लेकर पैदा हुए तनाव के बीच हुई है। बताया गया है कि यह वार्ता ट्रंप के अनुरोध पर हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय ने इस वार्ता के बारे में फिलहाल कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया है।

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    विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के बीच हाल के दिनों में दुर्लभ खनिजों के व्यापार को लेकर तनाव पैदा हुआ है। टैरिफ के मुद्दे पर बनी टकराव की स्थिति के बाद हाल के महीनों में यह दूसरा मामला है जिसको लेकर अमेरिका और चीन आमने-सामने हैं। बीती 12 मई को हुई वार्ता के बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के माल पर लगने वाले भारी टैरिफ को कम करने की घोषणा की थी।

    दोनों देशों का व्यापार ठप होने के कगार पर पहुंच गया था

    भारी-भरकम टैरिफ लगाने की शुरुआत जनवरी में ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद हुई थी। जवाब में चीन ने अमेरिकी माल पर वैसा ही टैरिफ लगा दिया। इसके चलते दोनों देशों का व्यापार ठप होने के कगार पर पहुंच गया था। अमेरिका को चीन की सरकार नियंत्रित व्यापारिक व्यवस्था को लेकर भी आपत्ति है। इसके चलते चीन के बाजार और निर्यात को सरकार नियंत्रित करती है।

    ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के फैसले के बाद अप्रैल में चीन ने अमेरिका को दुर्लभ खनिजों और विशिष्ट प्रकार के मैग्नेट (चुंबक) का निर्यात रोक दिया था। इससे अमेरिका की वाहन निर्माता, कंप्यूटर चिप निर्माता और सैन्य उत्पादों की निर्माता कंपनियों को मुश्किल होने लगी है। माना जा रहा है कि इस रोक के जरिये चीन अमेरिका को आर्थिक रूप से परेशान करना चाहता है और ट्रंप सरकार को घरेलू स्तर के दबावों में फंसाना चाहता है।

    अब ट्रंप ने आरोप लगाया कि चीन व्यापार शर्तों का उल्लंघन कर रहा है। इसके जवाब में अमेरिका ने चिप लगे साफ्टवेयर और कुछ अन्य संवेदनशील माल के चीन को निर्यात पर रोक लगा दी। व्यापार संबंधों में कटुता के अतिरिक्त ताइवान ऐसा मसला है जो दोनों देशों के संबंध में टकराव का कारण बना रहता है। इस तनातनी में बिगड़ती स्थिति को देखकर अमेरिकी राष्ट्रपति के सहयोगियों ने दोनों देशों के राष्ट्रपतियों की वार्ता कराने का निर्णय लिया।

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