'बॉस नहीं आए' सुनते ही फैल जाती है दहशत, चिनफिंग की लिउझी का अमीरों में खौफ; 5 बड़ी कंपनियों के प्रमुखों ने की सुसाइड?
Why Business Leaders Are Disappearing in china: चीन की कई बड़ी कंपनियों के मालिक, निवेशक और अधिकारी बिना किसी सूचना के अचानक गायब हो जाते हैं। फिर बाद में जानकारी मिलती है कि वे 'लिउझी' की हिरासत में हैं। क्या है लिउझी है, क्यों इसके खौफ में है ड्रैगन के सबसे अमीर और सफल लोग?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जब किसी कंपनी में कर्मचारियों को यह सुनने को मिले कि 'आज बॉस नहीं आए' तो वे राहत की सांस लेते हैं, लेकिन चीन में हालात इसके उलट हैं। यहां कंपनियों में 'आज बॉस नहीं आए' सुनते ही कर्मचारी दहशत में आ जाते हैं। चीन की कई बड़ी कंपनियों के मालिक, निवेशक और अधिकारी बिना किसी सूचना के अचानक गायब हो जाते हैं। फिर बाद में जानकारी मिलती है कि वे 'लिउझी' हिरासत में हैं।
लिउझी (Liuzhi) एक हिरासत प्रणाली है या फिर यूं कहिए कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जो न्यायिक प्रणाली से अलग काम करती है। लिउझी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की 2018 में शुरू की गई भ्रष्टाचार-विरोधी मुहिम का हिस्सा है। चीन की 'नेशनल सुपरविजन कमीशन' लिउझी को चलाती है।
शुरुआत में लिउझी की रडार पर सिर्फ सरकारी अधिकारी और कम्युनिस्ट पार्टी के नेता थे, लेकिन अब यह चीन में अमीरों पर शिकंजा कसने का काम कर रही है। इसमें अब तक कई कारोबारी फंस चुके हैं। साल 2024 में 38 हजार से ज्यादा की गिरफ्तार हुई। हालात ये हैं कि चीन की पांच बड़ी कंपनियों के प्रमुखों ने आत्महत्या तक कर ली।
लिउझी किसी भी व्यक्ति का हिरासत में ले सकती है, इसके लिए उसे किसी अदालत की अनुमति नहीं चाहिए। जब किसी को लिउझी की हिरासत में रखा जाता है तो एक तरीके से वह गायब हो जाता है। उसे न वकील से संपर्क करने दिया जाता है और न परिवार से मिलने दिया जाता है। एक ऐसे बंद कमरे में रखा जाता है, जहां ने खिड़की होती है और न अंधेरा। 24 घंटे रोशनी और निगरानी रखी जाती है। कैदियों के शौचालय जाने तक की निगरानी की जाती है।
लिउझी (Liuzhi) के नए नियमों के मुताबिक, वह किसी को भी आठ महीने तक हिरासत में रख सकती है। अगर लिउझी को 8 महीने बाद भी हिरासत में रखे गए शख्स पर शक है तो अनंतकाल तक पूछताछ करने की अनुमति है।
लिउझी की हिरासत में यू फाक्सिन
दि इकॉनॉमिस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के अग्रणी वैज्ञानिकों और उद्यमियों में गिने जाने वाले यू फाक्सिन रक्षा तकनीक से जुड़े अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर के विशेषज्ञ थे। 22 सितंबर को फाक्सिन की कंपनी ग्रेट माइक्रोवेव टेक्नोलॉजी ने खुलासा किया कि चीन की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी लिउझी ने उन्हें हिरासत में ले लिया है।
कितनी कंपनियों के प्रमुख नजरबंद?
चीन में पिछले साल 39 लिस्टेड कंपनियों के प्रमुखों को नजरबंद किया गया। हालांकि, वास्तविक संख्या इससे कहीं बहुत अधिक है। अनलिस्टेड कंपनियों के प्रमुखों को भी नजरबंद किया गया है, लेकिन अनलिस्टेड कंपनियों को निवेशकों को ऐसी जानकारी देने की बाध्यता नहीं होती है।
पार्टी के अनुशासन जांच आयोग (सीसीडीआई) के मुताबिक, 2024 में उद्योगपति, वैज्ञानिक, प्रॉपर्टी डेवलपर और टेक्नोलॉजी जगत के 38 हजार से ज्यादा लोगों की गिरफ्तार हुई। कैद किए गए लोगों की यह संख्या 2023 की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है। इस साल 10 लाख से अधिक मामले दर्ज होने की आशंका जताई गई है।
कौन हैं लिउझी के निशाने पर?
लिउझी के निशाने पर खासकर कंप्यूटर हार्डवेयर ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्र हैं, जो स्थानीय सरकारों से गहराई से जुड़े हैं, ज्यादा जोखिम में हैं। कुछ मामलों को 'डीप सी फिशिंग' यानी दबाव डाल कर फंड लेने का बहाना बताया जा रहा है- जहां हल्के आरोपों पर किसी कारोबारी को पकड़ लिया जाता है ताकि दबाव डालकर उससे किसी और अमीर व्यक्ति का नाम निकलवाया जा सके और फिर उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाए।
क्रेडिट ब्लैकलिस्ट बेहद खतरनाक
चीन ने लिउझी जैसी एक और व्यवस्था शुरू की है, जिसे 'नेशनल क्रेडिट ब्लैकलिस्ट' कहा जाता है। पहले इसमें कर्ज न चुकाने वालों को रखा जाता था, लेकिन अब हाल ही में 'नेशनल क्रेडिट ब्लैकलिस्ट' में कई शीर्ष उद्यमियों के नाम भी डाले गए हैं। 'नेशनल क्रेडिट ब्लैकलिस्ट' में नाम का मतलब है, पैसा होने के बावजूद आलीशान जीवन जीने पर पाबंदी लगाना।
इस सूची में आने वाले उद्यमी हवाई यात्रा नहीं कर सकते, तेज रफ्तार ट्रेनों में सफर नहीं कर सकते, लग्जरी होटलों में नहीं ठहर सकते और अपने बच्चों को महंगे स्कूलों में नहीं भेज सकते। 2024 के आखिर तक करीब दो लाख लोगों के नाम इस सूची में डाले गए थे। जबकि 2019 में 17,000 लोगों को ही इस सूची में रखा गया था।
चीन के अमीर कर रहे सुसाइड
अप्रैल से जुलाई के बीच कम से कम पांच प्रमुख कारोबारियों ने ऊंची इमारतों से कूदकर जान दे दी। सुसाइड करने वाले चीन के सबसे अमीरों में से एक वांग लिनपेंग का मामला सबसे चर्चित रहा। वांग लिनपेंग हुबेई प्रांत डिपार्टमेंट स्टोर चेन के संस्थापक थे। वे सबसे अमीर और सफल व्यक्तियों में गिने जाते थे। वांग को अप्रैल में लिउझी की हिरासत में रखा गया था। जुलाई में छोड़ा गया, इस दौरान भी निगरानी जारी थी। इसी बीच उन्होंने सुसाइड कर ली।
आज चीन में अमीर भी दहशत में हैं और कारोबारी भी असफलता के साये से डरे हुए हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि अगर वे असफल हुए तो न सिर्फ बिजनेस जाएगा, बल्कि उनकी आजादी और पहचान भी छिन जाएगी।
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