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    चीन के डॉक्टरों ने किया कमाल, सुअर के फेफड़े को मानव में किया प्रत्यारोपित

    चीन के सर्जनों ने एक मस्तिष्क-मृत मानव प्राप्तकर्ता में सुअर के फेफड़े का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया है। डॉक्टर इसे जेनोट्रांसप्लांटेशन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मान रहे हैं। शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि सर्जनों ने पहली बार एक आनुवंशिक रूप से संशोधित सुअर के फेफड़े को एक मृत मस्तिष्क वाले मानव प्राप्तकर्ता में प्रत्यारोपित किया है और पाया है कि यह नौ दिनों तक काम करता रहा।

    By Digital Desk Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 27 Aug 2025 07:48 AM (IST)
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    चीन के डॉक्टरों ने किया कमाल, सुअर के फेफड़े को मानव में किया प्रत्यारोपित (सांकेतिक तस्वीर)

     डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन के सर्जनों ने एक मस्तिष्क-मृत मानव प्राप्तकर्ता में सुअर के फेफड़े का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया है। डॉक्टर इसे जेनोट्रांसप्लांटेशन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मान रहे हैं। शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि सर्जनों ने पहली बार एक आनुवंशिक रूप से संशोधित सुअर के फेफड़े को एक मृत मस्तिष्क वाले मानव प्राप्तकर्ता में प्रत्यारोपित किया है और पाया है कि यह नौ दिनों तक काम करता रहा।

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    नेचर मेडिसिन पत्रिका में इसका विस्तृत विवरण दिया गया है। वहीं, इसे अब आनुवंशिक रूप से उपयोग में लेने को लेकर  एक मामूली लेकिन आशाजनक कदम माना जा रहा है।

    यह ऑपरेशन मई 2024 में गुआंगजौ मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रथम संबद्ध अस्पताल में किया गया, जिसमें एक 39 वर्षीय पुरुष के बाएं फेफड़े को बदलना शामिल था, जिसे गंभीर मस्तिष्क रक्तस्राव हुआ था।

    सुअर का फेफड़ा, जिसे मानव ऊतक के साथ अपनी अनुकूलता बढ़ाने के लिए आनुवंशिक रूप से संशोधित किया गया था, इंसान में नौ दिनों तक कार्य करता रहा। इस अवधि के दौरान, अंग ने ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का प्रभावी ढंग से आदान-प्रदान किया, जिससे यह अपने प्राथमिक कार्य को करने की क्षमता प्रदर्शित करता है।