Israel Hamas War: फलस्तीन-इजरायल संघर्ष से चिंतित हुआ ड्रैगन! विदेश मंत्री बोले- आगे गंभीर मानवीय संकट पैदा होगा
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार (24 अक्टूबर) को फलस्तीन-इजरायल युद्ध को और ज्यादा बढ़ने से रोकने की अपील की। उन्होंने कहा कि दुनिया को युद्ध और शांति में से किसी एक को चुनना होगा। वांग यी ने कहा कि फलस्तीनी-इजरायल संघर्ष अगर और बढ़ता है तो आने वाले समय में और भी गंभीर मानवीय संकट पैदा होगा।

एएनआई, बीजिंग। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार (24 अक्टूबर) को फलस्तीन-इजरायल युद्ध को और ज्यादा बढ़ने से रोकने की अपील की। उन्होंने कहा कि दुनिया को युद्ध और शांति में से किसी एक को चुनना होगा। वांग यी ने कहा कि फलस्तीनी-इजरायल संघर्ष अगर और बढ़ता है तो आने वाले समय में और भी गंभीर मानवीय संकट पैदा होगा।
चीन की आधिकारिक राज्य समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा, अपने इजरायली समकक्ष एली कोहेन के साथ फोन पर बातचीत में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने बढ़ते संघर्ष और उससे उपजे मानवीय संकट पर चीन की गहरी चिंता व्यक्त की। इसके साथ ही उन्होंने लोगों की मौतों पर दुख जताया।
चीन ने युद्ध के परिणामों पर दुख जताया
विदेश मंत्री वांग यी ने इस युद्ध में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के उल्लंघन और लोगों की मौतों पर की निंदा की। वांग यी ने कहा, "चीन संघर्ष के लगातार बढ़ने और बिगड़ती स्थिति से बहुत चिंतित है और संघर्ष के कारण बड़ी संख्या में नागरिकों के हताहत होने से बहुत दुखी है।"
अंतरराष्ट्रीय कानून के किसी भी उल्लंघन का चीन विरोध करता- वांग
शिन्हुआ के मुताबिक, वांग यी ने कहा, "चीन युद्ध में लोगों को नुकसान पहुंचाने वाले सभी कृत्यों की निंदा करता है और अंतरराष्ट्रीय कानून के किसी भी उल्लंघन का विरोध करता है।" उन्होंने कहा कि सभी देशों को आत्मरक्षा का अधिकार है, लेकिन उन्हें अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का सम्मान करना चाहिए और नागरिकों की सुरक्षा की रक्षा करनी चाहिए।
चीनी नागरिकों और संस्थानों की सुरक्षा का आह्वान किया
वांग यी ने हमास और इजरायल से शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए शांति के रास्ते पर लौटने का आग्रह किया। वांग ने फलस्तीनी मुद्दे पर चीन के निष्पक्ष रुख और शांति की पहल का समर्थन करने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए इजरायल में चीनी नागरिकों और संस्थानों की सुरक्षा का भी आह्वान किया।
बता दें कि 7 अक्टूबर से गाजा पर इजरायली हमलों में कम से कम 5,087 फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं। वहीं हमास के हमले में लगभग 1,400 लोग मारे जा चुके हैं।
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