Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत-चीन संबंधों पर अपनी टांग क्यों अड़ा रहा नेपाल? ओली ने चिनफिंग से इस बात पर जताई आपत्ति तो नहीं मिला भाव

    Updated: Sat, 30 Aug 2025 11:18 PM (IST)

    नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ लिपुलेख को लेकर भारत-चीन के बीच हुए व्यापार मार्ग समझौते पर आपत्ति जताई। नेपाल लिपुलेख को अपना क्षेत्र बताता है जबकि भारत ने इसे खारिज कर दिया है। ओली ने चीन से इस मामले में सहयोग की उम्मीद जताई है।

    Hero Image
    नेपाल के पीएम ओली और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने शनिवार को तियानजिन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान भारत और चीन के बीच लिपुलेख को व्यापार मार्ग के रूप में इस्तेमाल करने के समझौते पर आपत्ति जताई। यह जानकारी उनके सचिवालय ने दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नेपाल लिपुलेख को अपना क्षेत्र बताता है, जिसे भारत ने स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा है कि यह "न तो उचित है और न ही ऐतिहासिक तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित है।"

    चिनफिंग से क्या बोले ओली?

    विदेश सचिव अमृत बहादुर राय के हवाले से प्रधानमंत्री सचिवालय ने एक बयान में कहा, "इस अवसर पर प्रधानमंत्री ओली ने नेपाली क्षेत्र लिपुलेख को व्यापार मार्ग के रूप में इस्तेमाल करने के लिए भारत और चीन के बीच हुए समझौते पर स्पष्ट रूप से अपनी आपत्ति जताई।" बयान में प्रधानमंत्री के हवाले से कहा गया, "नेपाल का मानना ​​है कि चीन इस संबंध में नेपाल के साथ सहयोग करेगा।"

    प्रधानमंत्री ओली के सचिवालय ने कहा कि दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग को मजबूत करने पर भी सहमत हुए।

    चीन स्थित नेपाली दूतावास की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ओली ने "पहले से सहमत परियोजनाओं (इसमें बीआरआई भी शामिल है) के कार्यान्वयन में तेजी लाने की आशा व्यक्त की। उन्होंने उर्वरक, पेट्रोलियम, अन्वेषण, मानव संसाधन, विकास, जलवायु परिवर्तन से निपटने और लोगों के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों में समर्थन का अनुरोध किया।"

    चीन ने साधी चुप्पी

    हालांकि, नेपाली प्रधानमंत्री ओली की विवादास्पद आपत्तियों पर चीन चुप रहा। चीनी विदेश मंत्रालय की ओर जारी एक आधिकारिक बयान में इस मुद्दे का कोई जिक्र नहीं किया गया। इस बीच, चीनी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि शी ने ओली के साथ अपनी वार्ता में बताया कि उच्च गुणवत्ता वाली बेल्ट एंड रोड पहल पर चीन-नेपाल सहयोग लगातार आगे बढ़ रहा है और दोनों देश एक-दूसरे के और करीब आ रहे हैं।

    बयान में कहा गया कि शी ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों पक्षों को रणनीतिक आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए तथा एक-दूसरे के मूल हितों और प्रमुख चिंताओं से संबंधित मुद्दों पर एक-दूसरे का दृढ़तापूर्वक समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें उद्योग, कृषि और पशुपालन, नई ऊर्जा, पर्यावरण संरक्षण, तेल और गैस, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून प्रवर्तन और सुरक्षा में सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

    यह भी पढ़ें- शिगेरु इशिबा के बाद चिनफिंग और पुतिन से मुलाकात, आखिर क्यों अहम है पीएम मोदी का चीन दौरा?

    comedy show banner