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    दक्षिण चीन सागर के कई इलाकों पर चीन ने बढ़ाई अपनी सैन्‍य मौजूदगी, कई चौकियों को किया अपग्रेड, यह है मकसद

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Sun, 23 Jan 2022 09:16 PM (IST)

    चीनी सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने दक्षिण चीन सागर में अपनी चौकियां स्थापित करने के साथ ही भू-राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पहले से निर्मित पोस्‍ट को और उन्नत किया है। जानें आखिर क्‍या चाहता है चीन ...

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    चीनी सेना ने दक्षिण चीन सागर में अपनी चौकियों को उन्नत किया है।

    बीजिंग, एएनआइ। चीनी सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में अपनी चौकियां स्थापित करने के साथ ही भू-राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पहले से निर्मित पोस्‍ट को और उन्नत किया है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने दक्षिण चीन सागर में चीन की सैन्य तैयारियों पर आधारित एक निजी साइबर सुरक्षा कंपनी रिकॉर्डेड फ्यूचर की ओर से जारी 'द पीपल्स लिबरेशन आर्मी इन द साउथ चाइना सी: एन ऑर्गनाइजेशनल गाइड' नाम की एक रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी दी है।

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    रेडियो फ्री एशिया (Radio Free Asia) के अनुसार दक्षिण चीन सागर में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People's Liberation Army) की नई इकाइयां स्थापित की गई हैं। पिछले एक दशक में दक्षिण चीन सागर में मैन आउटपोस्ट के रूप में कई चौकियों को अपग्रेड भी किया गया है। इस अपग्रेडेशन के कारण इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की सेना बेहद मजबूत स्थिति में आ गई है। मालूम हो कि चीन अधिकांश दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है। वह कई पड़ोसी देशों के साथ क्षेत्रीय विवादों में लिप्‍त है।

    रिपोर्ट के अनुसार चीनी सेना ने पारासेल द्वीपसमूह पर कब्‍जा कर लिया है। यही नहीं स्प्रैटली द्वीप समूह में कम से कम सात महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है। वहां तैनात सैनिकों की संख्या 10,000 से अधिक होने का अनुमान है। रेडियो फ्री एशिया के अनुसार चीन के समुद्री और क्षेत्रीय दावों के बीच इन जगहों पर तेजी से सामरिक विकास हुआ है। दक्षिण चीन सागर में ऐसा करके चीन अपनी ताकत का प्रदर्शन करना चाहता है। उसकी मंशा संचार के महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों तक पहुंच को नियंत्रित करने के साथ ही ताइवान से संघर्ष की स्थिति में अपनी मजबूती सुनिश्चित करना है।

    रिकॉर्डेड फ्यूचर की 33 पृष्ठ की रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण चीन सागर में द्वीपों और सुविधाओं पर चीन की ठोस सैन्य मौजूदगी उसे मजबूती प्रदान करती है। चीन के रक्षा विश्लेषक और रिपोर्ट के लेखक जाचरी हावर (Zachary Haver) ने कहा कि सबसे बड़ी कठिनाई पीएलए इकाइयों की पहचान करना था। चीन ने साल 2015 से पीएलए को पुनर्गठित करना शुरू किया था। पिछले एक दशक में देखें तो चीन ने दक्षिण चीन सागर में महत्वपूर्ण संख्या में नई सेनाएं तैनात की हैं।