'भारत के साथ मिलकर करेंगे काम', जयशंकर के बीजिंग पहुंचते ही बैकफुट आया चीन; SCO की बैठक में ऐसा क्या हुआ?
विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन के दौरे पर हैं जहा उन्होंने वांग यी से मुलाकात की और SCO सम्मेलन में भाग लिया। जयशंकर ने सीमा विवाद के समाधान पर जोर दिया जिससे दोनों देशों के संबंधों में सुधार हो सकता है। वांग यी ने भारत के साथ संघर्षों को उचित तरीके से निपटाने की बात कही और आपसी सहयोग पर विश्वास जताया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।S Jaishankar China विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय चीन के दौरे पर हैं। साल 2020 में हुए गलवान झड़प के बाद विदेशी मंत्री की ये पहली चीन की यात्रा है। विदेश मंत्री यहां पर शंघाई सहयोग संगठन ( एससीओ सम्मेलन 2025) में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं।
बीजिंग में होने वाली SCO की बैठक के से पहले सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई। इस दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर से बातचीत के दौरान कहा कि चीन संघर्षों और मतभेदों को उचित तरीके से निपटाने के लिए भारत के साथ काम करने को तैयार है।
'चीनी विदेश मंत्री ने इस बात दिया जोर'
जानकारी दें कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी का ये बयान ऐसे समय पर आया है, जब जयशंकर ने बैठक में इस बात पर भी जोर दिया कि मतभेदों को विवाद नहीं बनना चाहिए और न ही प्रतिस्पर्धा को कभी संघर्ष में बदलना चाहिए।
वहीं, इस बातचीत के दौरान चीनी विदेश मंत्री ने अपने देश की बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की सुरक्षा करने के साथ-साथ भारत के साथ वैश्विक उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता सुनिश्चित करने की इच्छा व्यक्त की।
'भारत और चीन को एक दूसरे पर करना होगा भरोसा'
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से बताया कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को भारत और चीन के बारे में कहा कि दोनों पक्षों को एक-दूसरे पर शक करने के बजाय भरोसा करना चाहिए; एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बजाय सहयोग करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि भारत-चीन समीकरण का सार आपसी सफलता में निहित है। कथित तौर पर उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर से यह भी कहा कि दोनों देशों को दीर्घकालिक योजनाएं बनानी चाहिए।
जयशंकर ने की चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात
सोमवार को बीजिंग में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वांग यी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए दूरदर्शी दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
जयशंकर ने कहा कि अक्टूबर 2024 में रूस के कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से, दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार हुआ है। आगे कहा कि दोनों देशों के प्रतिनिधि अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में एक-दूसरे से मिले हैं और उन्हें उम्मीद है कि ऐसी बैठकें भारत और चीन में भी हो सकती हैं।
भारत-चीन बॉर्डर का भी मुद्दा उठाया
इस बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने उद्घाटन भाषण के दौरान दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा कि सीमा पर तनाव के समाधान के परिणामस्वरूप पिछले नौ महीनों में भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार हुआ है। जयशंकर ने कहा कि यह आपसी रणनीतिक विश्वास का मूल आधार है। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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