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    पीएम मोदी, पुतिन, चिनफिंग... SCO के इतिहास के सबसे बड़े शिखर सम्मेलन में चीन का शक्ति प्रदर्शन

    चीन में होने वाला शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन इस संगठन के इतिहास का सबसे बड़ा सम्मेलन होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई वैश्विक नेता इसमें भाग लेंगे। चीन के सहायक विदेश मंत्री लियू बिन ने बताया कि सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होंगे।

    By Digital Desk Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Fri, 22 Aug 2025 08:31 PM (IST)
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    रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होंगे (फोटो: रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन ने शुक्रवार को कहा कि तियानजिन में होने वाला शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का शिखर सम्मेलन इस संगठन के इतिहास का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन होगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित वैश्विक नेता शामिल होंगे। यह सम्मेलन 31 अगस्त से एक सितंबर तक आयोजित किया जाएगा।

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    चीन पांचवीं बार इस 10 सदस्यीय समूह की मेजबानी करने वाला है। चीन के सहायक विदेश मंत्री लियू बिन ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया, इस सम्मेलन में शामिल होने वाले प्रमुख नेताओं में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, तुर्किये के राष्ट्रपति रीसेप तैयप एर्दोगन शामिल हैं।

    कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष होंगे शामिल

    सम्मेलन में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो, मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम, वियतनामी प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह, पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भी शिरकत करेंगे। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस और एससीओ के महासचिव नुर्लान येरमेकेबायेव समेत 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अधिकारी भी इस सम्मेलन में भाग लेंगे।

    लियू ने कहा कि चिनफिंग एससीओ प्रमुखों की 25वीं परिषद की बैठक और 'एससीओ प्लस' बैठक की अध्यक्षता करेंगे। चीन इस वर्ष एससीओ का अध्यक्ष है। एससीओ में रूस, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिजस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, बेलारूस और चीन शामिल हैं।

    चीन की सबसे बड़ी सैन्य परेड भी होगी

    विस्तारित एससीओ प्लस शिखर सम्मेलन को बीजिंग द्वारा अपनी बढ़ती वैश्विक प्रभाव को प्रदर्शित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि सम्मेलन में शामिल हो रहे अधिकतर नेता इस दो दिवसीय सम्मेलन के बाद भी कुछ समय रुककर तीन सितंबर को बीजिंग में होने वाली चीन की सबसे बड़ी सैन्य परेड को देख सकते हैं।

    यह परेड जापानी आक्रमण के खिलाफ युद्ध में चीन के लोगों की जीत की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर होगी। चीन के सरकारी मीडिया के अनुसार चीन इस परेड में चौथी पीढ़ी के टैंक और लड़ाकू विमान, ड्रोन आधारित खुफिया और सुरक्षा उपकरण और आधुनिक मिसाइलों का प्रदर्शन करेगा, जिनमें हाइपरसोनिक मिसाइलें भी शामिल हैं।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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