चीन: शाओलिन टेंपल में बड़ा फेरबदल, नए प्रमुख के सख्त नियमों से मचा बवाल; 30 से ज्यादा लोगों ने छोड़ा मंदिर
चीन के शाओलिन मंदिर में नए अध्यक्ष शी यिनले के सख्त नियमों के कारण 30 से अधिक भिक्षुओं और कर्मचारियों ने मंदिर छोड़ दिया है। यिनले ने मंच पर प्रदर्शन बंद करने महंगे धार्मिक अनुष्ठानों पर रोक लगाने जैसे पांच बड़े बदलाव किए हैं। भिक्षुओं के लिए सुबह 4.30 बजे प्रार्थना और खेती करना अनिवार्य है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनियाभर में मशहूर चीन का शाओलिन टेम्पल इन दिनों बड़े बदलाव और विवादों को लेकर चर्चा में है। नए टेम्पल अध्यक्ष शी यिनले के सख्त नियमों की वजह से 30 से अधिक भिक्षुओं और कर्मचारियों ने मंदिर छोड़ दिया है।
29 जुलाई को 59 वर्षीय शी यिनले को मंदिर का नया प्रमुख बनाया गया। उन्होंने आते ही पांच बड़े बदलावों की घोषणा की:
- मंच पर प्रदर्शन पूरी तरह से बंद
- महंगे धार्मिक अनुष्ठानों पर रोक
- मंदिर की दुकानों को हटाना
- खेती के जरिए आत्मनिर्भरता बढ़ाना
- भिक्षुओं की आमदनी में पारदर्शिता लाना
शी यिनले ने कहा कि कई भिक्षु ध्यान कक्ष में बैठकर ऑनलाइन खाना मंगवाते थे और मंत्रों के समय पॉप म्यूजिक सुनते थे। इसके चलते अब मोबाइल फोन स्टोर रूम में जमा करवाए जाएंगे और स्क्रीन टाइम सिर्फ 30 मिनट होगा। मनोरंजन के सभी साधनों पर रोक लगा दी गई है।
क्या-क्या हैं नए नियम?
नए नियमों के तहत भिक्षुओं को सुबह 4.30 बजे प्रार्थना के लिए मंदिर में उपस्थित होना जरूरी है। इसके बाद खेती और जेन मार्शल आर्ट का अभ्यास करना होगा। इन्हीं कड़े नियमों की वजह से 30 से ज्यादा भिक्षु और मंदिर स्टाफ या तो खुद हट गए या फिर अन्य जगह ट्रांसफर हो गए।
पुराने अध्यक्ष पर लगे गंभीर आरोप
हालांकि, यह साफ नहीं हो पाया है कि वे किसी और मंदिर गए हैं या पूर्ण रूप से सेवा छोड़ दी है। बता दें, पूर्व प्रमुख शी योंगशिन जांच के घेरे में हैं। उन पर मंदिर की संपत्ति और परियोजनाओं के पैसों के गबन, विवाहित जीवन जीने और कई महिलाओं से संबंध रखने के आरोप हैं।
चीन के हेनान प्रांत में स्थित शाओलिन मंदिर दुनियाभर में अपनी बौद्ध परंपराओं और मार्शल आर्ट के लिए प्रसिद्ध है। 1982 में आई फिल्म द शाओलिन टेम्पल से इसकी प्रसिद्धि और बढ़ी।
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