गाजा में भोजन की लाइन में लगे लोगों पर फायरिंग, 32 की मौत; क्या बोला इजरायल?
गाजा में खाद्य सामग्री लेने जा रहे फलस्तीनियों पर इजरायली सैनिकों ने फायरिंग की जिसमें 32 लोगों की मौत हो गई। इजरायली सेना का कहना है कि उन्होंने संदिग्धों को रोकने के लिए हवा में गोलियां चलाईं जबकि घायलों का आरोप है कि सीधी फायरिंग की गई। पिछले सात हफ्तों में इजरायली सेना की फायरिंग में 900 लोग मारे गए हैं।

रॉयटर्स, यरुशलम। गाजा में खाद्य सामग्री लेने जा रहे फलस्तीनियों पर शनिवार को इजरायली सैनिकों ने फिर से फायरिंग की। इस घटना में 32 लोगों के मारे जाने और दर्जनों के घायल होने की सूचना है।
इजरायली सेना ने कहा है कि उसने संदिग्ध लोगों को देखकर उन्हें रोकने के लिए हवा में गोलियां चलाई थीं जबकि घायलों का कहना है कि चेतावनी देने वाली फायरिंग नहीं बल्कि लोगों पर सीधी फायरिंग की गई।
फायरिंग में करीब 900 लोग मारे गए
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार पिछले सात सप्ताह में राहत सामग्री का वितरण करने वाले केंद्रों के निकट इजरायली सेना की फायरिंग में करीब 900 लोग मारे गए हैं। पीड़ित लोगों के अनुसार रास्ते के एक ओर से टैंक आए जबकि दूसरी ओर से इजरायली सेना के वाहन आए और उसके बाद लोगों पर फायरिंग शुरू हो गई।
गाजा में राहत सामग्री का वितरण करने वाली अमेरिकी संस्था जीएचएफ ने कहा है कि उसके परिसर के नजदीक ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। पता चला है कि लोग सवेरा होने से पहले अंधेरे में वितरण केंद्र की ओर जा रहे थे जिससे वे सामग्री वितरित होने से पहले लाइन बनाकर सामग्री पहले प्राप्त कर सकें। इजरायली सेना को अंधेरे में इन लोगों की गतिविधियां संदिग्ध लगीं और उसने फायरिंग कर दी।
गाजा में 21 महीने से जारी इजरायली हमलों में अभी तक 58 हजार लोग मारे जा चुके हैं। कतर की राजधानी दोहा में गाजा में 60 दिनों के युद्धविराम के लिए वार्ता चल रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि गाजा में बंधक इजरायली नागरिकों की जल्द रिहाई हो सकती है। गाजा में अभी करीब 50 बंधक हमास के कब्जे में हैं जिनमें से 20 के ही जीवित होने की संभावना है।
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