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    'अल्लाह के दुश्मनों को तबाह करेंगे', ईरानी मौलवी ने ट्रंप और नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया 'मोहारेबेह' फतवा, क्यों है खतरनाक?

    Updated: Mon, 30 Jun 2025 08:43 AM (IST)

    ईरान के शिया धर्मगुरु अयातुल्लाह नासेर मकारेम शिराज़ी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ फतवा जारी किया है। उन्होंने दोनों नेताओं को खुदा का दुश्मन बताकर मुसलमानों से एकजुट होकर उनका तख्ता पलटने की अपील की है। यह फतवा ईरान पर आई धमकियों के जवाब में है।

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    ईरानी कानून के तहत 'मोहारेह' को मौत की सजा, सूली, अंग-भंग या देशनिकाला जैसी सजा दी जा सकती है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान के सबसे बड़े शिया धर्मगुरु ग्रैंड अयातुल्लाह नासेर मकारेम शिराज़ी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ एक सख्त फतवा जारी किया है। इस फतवे में दोनों नेताओं को 'खुदा का दुश्मन' करार देते हुए दुनिया भर के मुसलमानों से एकजुट होकर इनका तख्ता पलट करने की अपील की गई है।

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    यह फतवा ईरान की इस्लामी हुकूमत के खिलाफ धमकियों के जवाब में आया है, जिसने हाल ही में इजरायल और अमेरिका के साथ 12 दिन की जंग लड़ी। ईरान की मेहर न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अयातुल्लाह मकारेम ने कहा, "जो भी शख्स या हुकूमत हमारे रहनुमा या मारजा (धर्मगुरु) को धमकी दे, उसे 'मोहारेबेह' (खुदा के खिलाफ जंग करने वाला) समझा जाएगा।"

    ईरानी कानून के तहत 'मोहारेह' को मौत की सजा, सूली, अंग-भंग या देशनिकाला जैसी सजा दी जा सकती है।

    मुसलमानों से एकजुट होने की अपील

    फतवे में कहा गया है कि इन 'दुश्मनों' को उनके बयानों और गलतियों पर पछतावा कराना हर मुसलमान का फर्ज है। इसमें यह भी जोड़ा गया कि किसी भी मुस्लिम देश या शख्स का इन दुश्मनों का साथ देना हराम है। फतवे के मुताबिक, अगर कोई मुसलमान इस कथित जिहाद में मुश्किलों का सामना करता है या नुकसान उठाता है, तो उसे 'खुदा की राह में लड़ने वाले' की तरह जन्नत में इनाम मिलेगा।

    यह फतवा उस 12 दिन की जंग के बाद आया है, जो 13 जून को शुरू हुई थी। इज़रायल ने ईरान में बमबारी की, जिसमें ईरान के बड़े सैन्य कमांडर और परमाणु कार्यक्रम से जुड़े साइंटिस्ट मारे गए। जवाब में, ईरान ने इजरायली शहरों पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया।

    फतवा क्या होता है?

     यह एक इस्लामी कानून की व्याख्या है, जो शिया समुदाय के सबसे बड़े धर्मगुरु द्वारा जारी की जाती है। यह सभी मुसलमानों, चाहे वे व्यक्ति हों या इस्लामी हुकूमतें पर लागू होती है और इसे लागू करना उनका फर्ज माना जाता है।

    यह पहली बार नहीं है जब ईरानी धर्मगुरुओं ने किसी शख्स के खिलाफ फतवा जारी किया हो। सबसे मशहूर मामला 1989 का है, जब लेखक सलमान रुश्दी की किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' को अपमानजनक बताकर उनके खिलाफ फतवा जारी हुआ था।

    इस फतवे में उनकी हत्या का आदेश दिया गया था, जिसके बाद रुश्दी को सालों तक छिपकर रहना पड़ा। इस फतवे के चलते उनकी किताब के जापानी अनुवादक की हत्या हुई और प्रकाशकों पर कई हमले हुए। 2023 में न्यूयॉर्क में रुश्दी पर चाकू से हमला हुआ, जिसमें उनकी एक आंख चली गई।

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