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    म्यांमार में तख्तापलट के बाद ध्वस्त किए गए 4500 घर, कई जगहों पर किया गया आग के हवाले

    By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By:
    Updated: Thu, 17 Feb 2022 06:04 PM (IST)

    डाटा फार म्यांमार के अनुसार गांव को तबाह करने की घटना मई 2021 के आखिर में शुरू हुई और अक्टूबर नवंबर एवं दिसंबर में इसमें तेजी आई। इस वर्ष फरवरी में भी सेना ने गांव उजाड़े हैं। शहरी क्षेत्रों में घरों को निशाना बनाया गया है।

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    रेडियो एशिया ने डाटा फार म्यांमार के हवाले से यह जानकारी दी

    यंगून, एएनआइ। म्यांमार में सैन्य तख्तापलट को एक वर्ष से ज्यादा हो गया है। इस दौरान सेना 4,571 नागरिकों के घर ध्वस्त कर चुकी है। अकेले सागैंग प्रांत में 2,567 घरों को तोड़ डाला गया। चिन प्रांत में 976, माग्वाय में 626 और कायेह प्रांत में 310 घरों को तोड़ा गया। कई जगहों पर घरों को आग के हवाले कर दिया गया। रेडियो एशिया ने डाटा फार म्यांमार के हवाले से यह जानकारी दी है।

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    शहरी क्षेत्रों में घरों को बनाया गया निशाना

    डाटा फार म्यांमार के अनुसार, गांव को तबाह करने की घटना मई 2021 के आखिर में शुरू हुई और अक्टूबर, नवंबर एवं दिसंबर में इसमें तेजी आई। इस वर्ष फरवरी में भी सेना ने गांव उजाड़े हैं। शहरी क्षेत्रों में घरों को निशाना बनाया गया है।

    बेहद गंभीर रहीं सैन्य प्रतिक्रियाएं

    रेडियो फ्री एशिया ने बताया कि घरों को टाउनशिप में लक्षित किया गया था, जहां लोकतंत्र समर्थक पीपुल्स डिफेंस फोर्स मिलिशिया और सशस्त्र जातीय समूहों के रूप में जन-विरोधी प्रतिरोध हाल के महीनों में विशेष रूप से उग्र रहा है। जहां सैन्य प्रतिक्रियाएं बेहद गंभीर रहीं हैं।

    बता दें कि म्यांमार में सेना गत वर्ष एक फरवरी को लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार को अपदस्थ कर सत्ता पर काबिज हो गई थी। सरकार की मुखिया आंग सान सू की समेत तमाम नेताओं को जेल में डाल दिया गया।

    तख्तापलट के चलते देश में हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन

    गौरतलब है कि म्यांमार में 1 फरवरी 2021 को हुए तख्तापलट के बाद से उथल-पुथल है। जब वरिष्ठ जनरल मिंग आंग हलिंग के नेतृत्व में म्यांमार की सेना ने नागरिक सरकार को उखाड़ फेंका और एक साल के लिए आपातकाल की घोषणा की। तख्तापलट के चलते देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और पूरे देश में घातक हिंसा का सामना करना पड़ा।

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