एवरेस्ट के 'डेथ जोन' में फंसी ऑस्ट्रेलियाई लड़की, खौफनाक वीडियो वायरल
माउंट एवरेस्ट के 'डेथ जोन' में फंसी ऑस्ट्रेलियाई किशोरी बियांका एडलर का वीडियो वायरल हो रहा है। शिखर के करीब पहुंचने के बाद बियांका कठिन परिस्थितियों में फंसी हुई दिखाई दे रही हैं, जिससे लोग हैरान हैं। बियांका ने शिखर से 400 मीटर नीचे तक पहुंचने के बाद खराब मौसम के कारण वापस लौटना पड़ा।

एवरेस्ट के 'डेथ जोन' में फंसी ऑस्ट्रेलियाई लड़की (स्क्रीनग्रैब- @Bianca Adler)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। माउंट एवरेस्ट के 'डेथ जोन' से ऑस्ट्रेलियाई किशोरी बियांका एडलर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह शिखर के करीब पहुंचने के बाद कठिन परिस्थितियों में फंसी हुई दिखाई दे रही है। वीडियो में बियांका की हालत देखकर लोग हैरान हैं और सोशल मीडिया पर उसके साहस की सराहना कर रहे हैं।
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न की 17 वर्षीय बियांका एडलर ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो के कैप्शन में बियांका एडलर ने लिखा कि कैंप 4 में तीन रातें बिताने और खराब मौसम के कारण दो बार शिखर पर चढ़ने की असफल कोशिशों के बाद, मैं बेस कैंप वापस आ गई। मुझे कई अलग-अलग कारणों से बहुत बुरा लग रहा था।
शिखर से मात्र 400 मीटर नीचे
बता दें कि ऑस्ट्रेलियाई किशोरी बियांका एडलर इसी साल मई में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश की थी। वह शिखर से लगभग 400 मीटर नीचे, 8,450 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच गई थीं। इसके बाद वो डेथ जोन में फंस गई और खराब मौसम के चलते कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा और वापस आना पड़ा।
सांस लेने में हो रही दिक्कत
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान बेस कैंप पहुंचने के बाद रिकॉर्ड किए गए वीडियो में बियांका को सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही हैं। बर्फीली हवाओं के चलते उनका चेहरा लाल और सूजा हुआ दिखाई दे रहा है। इस भयावह वीडियो में वह कहती हैं, "मैं अभी-अभी कैप 2 से लौटी हूं। मैं बेस कैंप में हूं और मुझे बहुत बुरा लग रहा है। मेरी गर्दन, गला और फेफड़े बहुत दर्द कर रहे हैं... मेरी सांस फूल रही है। जबकि कल मैं 8000 मीटर की ऊंचाई पर थी।"
सोशल मीडिया यूजर दे रहें प्रतिक्रिया
बियांका एडलर को वीडियो में खांसते और बुरी हालत में देखा जा सकता है। इस वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि उन्हें अंदाजा ही नहीं था कि एवरेस्ट की ऊंचाई पर शरीर को इतना गंभीर शारीरिक तनाव सहना पड़ता है। वहीं, एक दूसरे यूजर ने लिखा "शाबाश, आपने निश्चित रूप से अपने लंबी पैदल यात्रा के मानकों को ऊंचा उठा दिया है।"

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