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    फिजी ने भारत के साथ रिश्तों को बताया अहम, चीन की चर्चा पर बोले- गलत बात...

    By AgencyEdited By: Manish Negi
    Updated: Thu, 16 Feb 2023 02:04 PM (IST)

    भारत के विदेश मंत्री जयशंकर फिजी के दौरे पर हैं। जयशंकर ने फिजी के पीएम सित्वेनी राबुका से मुलाकात की। फिजी के पीएम ने कहा कि भारत के साथ उसके बहुत पुराने संबंध हैं। ये संबंध आगे भी जारी रहेंगे।

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    चीन के बारे में सवाल पूछने पर फिजी के पीएम बोले- गलत बात है

    सुवा, एजेंसी। फिजी के प्रधानमंत्री सित्वेनी राबुका ने गुरुवार को अपने पुराने दोस्त भारत को धन्यवाद दिया। दरअसल, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा छूट समझौते की घोषणा की। वह विश्व हिंदी सम्मेलन की मेजबानी कर रहे प्रशांत द्वीपीय राष्ट्र फिजी के तीन दिवसीय दौरे पर हैं।

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    चीन पर पूछे सवाल को टाला

    राबुका ने दिसंबर में फिजी के पीएम के रूप में शपथ ली थी। चीन के साथ संबंधों के बारे में पूछे गए सवालों को टालते हुए उन्होंने कहा, "हम बहुत भाग्यशाली हैं कि इतनी बड़ी शक्ति और अर्थव्यवस्था हमसे बात कर रही है।"

    राबुका ने कहा, "हमें लगता है कि किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करना बुरा है, जो मौजूद नहीं है। हमने अपने स्वयं के सहयोग के बारे में बात की। हम बहुत भाग्यशाली हैं कि इतनी बड़ी शक्ति और अर्थव्यवस्था हमसे बात कर रही है।"

    भारत के साथ जारी रहेंगे संबंध

    यह पूछे जाने पर कि क्या वार्ता में चीन के बारे में चर्चा की गई, उन्होंने कहा, "हमारे बहुत पुराने मित्र हैं। इस क्षेत्र में वास्तव में कोई नया मित्र नहीं है। हम भारत के मित्र रहे हैं। हम चीन के साथ मित्र रहे हैं। हम अपने संबंध जारी रखेंगे।" राबुका ने कहा, "यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि भारत हमेशा एक विशेष मित्र और विश्वसनीय भागीदार रहेगा।" चीन के साथ फिजी के संबंधों के बारे में सवाल उन खबरों के बाद उठे, जब उन्होंने बीजिंग के साथ अपनी पुलिस को प्रशिक्षित करने के लिए 2011 में हस्ताक्षरित एक समझौते को समाप्त कर दिया था।

    इस सौदे के तहत फिजी के अधिकारियों को चीन में प्रशिक्षित किया गया और चीनी अधिकारियों को फिजी में तीन से छह महीने के लिए तैनात किया गया। उन्होंने कहा कि अन्य देशों ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के अधिकारी रह सकते हैं क्योंकि उनकी प्रणाली फिजी के समान थी।

    द फिजी टाइम्स ने राबुका के हवाले से लिखा कि चीन के राज्य सुरक्षाकर्मियों को वहां रहने की कोई जरूरत नहीं थी, क्योंकि हमारी प्रणालियां अलग हैं। उनके बयान को कई लोगों ने एक तिरस्कार के रूप में देखा। दरअसल, बीजिंग प्रशांत क्षेत्र में अपने प्रभाव का विस्तार करना चाहता है और फिजी में चुनाव से पहले उनके द्वारा की गई बातों को प्रतिध्वनित करता है।