बांग्लादेश में फिर चरमारा रही कानून-व्यवस्था, नूरल पगला की कब्र को लेकर राजबाड़ी में हिंसा
बांग्लादेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी है ऐसा गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल जहांगीर आलम चौधरी ने स्वीकार किया। राजबाड़ी में हुई हालिया हिंसा की जांच जारी है जिसमें पांच लोग गिरफ्तार किए गए हैं। नूरुल हक मोल्ला की कब्र को लेकर हुई झड़पों में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल जहांगीर आलम चौधरी (रि.) ने रविवार को स्वीकार किया कि देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी है।
यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश की रिपोर्ट के अनुसार, लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने कहा, "स्थिति अच्छी थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों की घटनाओं के आधार पर, मैं कहूंगा कि स्थिति थोड़ी बिगड़ी है। हम इसे पहले जैसी स्थिति में लाने की पूरी कोशिश करेंगे।"
उन्होंने कहा कि राजबाड़ी में हुई हालिया हिंसा की जांच की जा रही है और उन्होंने बताया कि घटना में शामिल पांच लोगों को कानून के दायरे में लाया गया है।
राजबाड़ी हिंसा में 5 लोग गिरफ्तार
राजबाड़ी में हुई हालिया हिंसा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हम पूरी जानकारी दे पाएंगे। हालांकि, हम घटना में शामिल पांच लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका हैं। उनसे पूछताछ के बाद, हमें स्थिति की स्पष्ट तस्वीर मिल सकती है।
जांच के बाद तय होगी जिम्मेदारी- जहांगीर आलम
क्या जिले के डिप्टी कमिश्नर और पुलिस अधीक्षक के अपने पदों पर बने रहते हुए निष्पक्ष जांच संभव है, इस सवाल पर उन्होंने जवाब दिया: "लापरवाही जांच से तय होगी। अगर मैं सबको पहले ही हटा दूंगा, तो इसका मतलब है कि मैंने जांच को महत्व नहीं दिया। अगर कोई दोषी साबित होता है, तो कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई निर्दोष है, तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। बिना जांच के, मैं कैसे कह सकता हूं कि कौन जिम्मेदार है?
कब्र को लेकर भड़की हिंसा में 100 से ज्यादा घायल
5 सितंबर को राजबाड़ी के गोलंदा उपजिला में नूरुल हक मोल्ला, जिन्हें नूरल पगला के नाम से भी जाना जाता है, उनकी कब्र को लेकर हुई हिंसक झड़पों में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। बांग्लादेश के द बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, मृतक की पहचान 28 वर्षीय मोहम्मद रसेल मोल्ला के रूप में हुई है।
शुक्रवार दोपहर के आसपास हिंसा भड़क उठी जब गुस्साए लोगों ने अंसार क्लब इलाके में नूरल पगला के समाधि स्थल पर हमला कर दिया। उनके अनुयायियों ने इसका विरोध किया और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर ईंट-पत्थर फेंके, जिससे कई लोग घायल हो गए।
नूरल पगला की कब्र को लेकर इलाके में तनाव
23 अगस्त को नूरल पगला की मृत्यु के बाद, उनके परिवार ने उन्हें उनके घर के बाहर लगभग 12 फुट के ढांचे में दफना दिया। कब्र काबा शरीफ की शैली में बनाई गई थी और उस पर "हजरत इमाम महदी का दरबार शरीफ" लिखा एक साइनबोर्ड लगा था, जिससे स्थानीय मुसलमानों में गुस्सा भड़क उठा और इलाके में तनाव पैदा हो गया।
गोआलंदा उपजिला की इमाम परिषद ने 26 अगस्त को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। ज़िला प्रशासन ने स्थिति को शांत करने के लिए कई बैठकें कीं। बैठकों के दौरान, लोगों ने कब्र की संरचना को काबा शैली से बदलने, साइनबोर्ड हटाने और कब्र की ऊंचाई को सामान्य स्तर तक कम करने की मांग की। परिवार और अनुयायियों ने पहली दो मांगें मान लीं; हालांकि, उन्होंने कब्र की ऊंचाई कम करने पर निर्णय लेने के लिए 4 सितंबर तक का समय मांगा।
5 सितंबर को फिर भड़की हिंसा
हालांकि, द बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, परिवार निर्धारित समय सीमा के भीतर ऐसा करने में विफल रहा। बाद में 5 सितंबर को, शुक्रवार की नमाज के बाद, स्थानीय लोग गोआलंदा अंसार क्लब चौक पर इकट्ठा हुए और नूरल पगला के अनुयायियों के साथ उनकी झड़प के साथ हिंसा भड़क उठी। भीड़ ने आस-पास के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की और दरगाह में आग लगा दी। भीड़ ने कब्र खोदी, शव को जुलूस के रूप में पद्मा चौराहे पर ढाका-खुलना हाईवे पर ले गई और उसे आग लगा दी।
सेना, पुलिस, मजिस्ट्रेट और आरएबी ने हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रण में किया, जबकि आग पर काबू पाने के लिए अग्निशमन दल को घटनास्थल पर तैनात किया गया।
(समाचार एजेंसी आइएएनएस के इनपुट के साथ)
यह भी पढ़ें- बांग्लादेश तिहरे हत्याकांड में सलाहकार की संलिप्तता उजागर, तीन लोगों की दिनदहाड़े कर दी गई थी हत्या
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।