भारत के दम पर वजूद में आनेवाले बांग्लादेश ने उत्तरपूर्वी राज्यों को अपना बताया, नक्शे पर बढ़ा विवाद
भारत की मदद से बने बांग्लादेश के नेता मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी को एक विवादित नक्शे वाली किताब उपहार में दी है, जिसमें बिहार समेत पूर्वोत्तर राज्यों को 'ग्रेटर बांग्लादेश' का हिस्सा दिखाया गया है। इस नक्शे में भारत के पूर्वोत्तर भाग को बांग्लादेश का हिस्सा बताया गया है। पहले भी यूनुस ने कई विदेशी नेताओं को यह किताब भेंट की है। इस मुद्दे को भारतीय संसद में भी उठाया गया था।

भारत के दम पर वजूद में आनेवाले बांग्लादेश ने उत्तरपूर्वी राज्यों को अपना बताया (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की मदद से वजूद में आनेवाले बांग्लादेश ने एक बार फिर उकसावे वाली हरकत की है। देश के प्रमुख नेता मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान के सैन्य अधिकारी को उपहार में किताब दी है, जिसमें बांग्लादेश का विवादित नक्शा भी शामिल है।
इस नक्शे में बिहार, झारखंड, ओडिशा, असम और अन्य उत्तरपूर्वी राज्यों को ग्रेटर बांग्लादेश के हिस्से के तौर पर दर्शाया गया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। यूनुस ने ये उपहार पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को ढाका में दिया। मिर्जा को पाकिस्तान सेना प्रमुख असीम मुनीर का उत्तराधिकारी माना जाता है। यूनुस ने अपने आधिकारिक एक्स एकाउंट पर मिर्जा के साथ कुछ तस्वीरें भी पोस्ट कीं।
क्या है विवाद की जड़?
इस तस्वीर में एक किताब नजर आ रही है, जिस पर 'आर्ट आफ ट्रायंफ: बांग्लादेश'ज न्यू डान', लिखा हुआ है। इस किताब में 2024 में छात्र आंदोलन की शुरुआत से लेकर शेख हसीना सरकार को हटाने तक की तस्वीरें शामिल की गई हैं। हालांकि, मामले में विवाद केवल नक्शे की वजह से है। इसमें ग्रेटर बांग्लादेश की अवधारणा को दर्शाया गया है।
इस अवधारणा को ढाका आधारित इस्लामिक कट्टरपंथी, संगठन 'सल्तनत ए बांग्ला' के दिमाग की उपज माना जा रहा है। इस नक्शे में भारत के समूचे उत्तरपूर्वी हिस्से को ही बांग्लादेश का हिस्सा बताया गया है। साथ ही म्यांमार के अराकान राज्य को भी इसमें शामिल दिखाया गया है। अब तक 12 देशों के नेताओं को दी गई ये किताब बांग्लादेश के नेता पहले भी इस किताब को उपहार के तौर पर इस्तेमाल करते रहे हैं। सितंबर 2024 में यूनुस ने तब के कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो को यह किताब गिफ्ट की थी। इस किताब को गिफ्ट में देना एक राजनीतिक और कूटनीतिक संकेत माना जाता है।
ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक यह किताब अब तक 12 से ज्यादा विदेशी नेताओं और अधिकारियों को गिफ्ट की जा चुकी है। इनमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, इटली की पीएम जार्जिया मेलोनी, ब्राजील के पीएम लूला डा सिल्वा और पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन जैसे बड़े नाम शामिल हैं।2024 से हो रही नक्शे के जरिये उकसावे की कार्रवाई बताया जाता है कि इससे पहले ये विवादित नक्शा 2024 में यूनुस के करीबी नहीदुल इस्लाम ने साझा किया था।
कांग्रेस ने राज्यसभा में उठाया था मुद्दा
इसके बाद इस साल अप्रैल में ढाका विश्वविद्यालय में बंगाली नववर्ष, पोहेला बैशाख, के मौके पर एक प्रदर्शनी में इस नक्शे को देखा गया था। इस मुद्दे को कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अगस्त में राज्यसभा में उठाया था। अप्रैल में अपने चीन दौरे पर मोहम्मद यूनुस ढाका को इस क्षेत्र का 'एकमात्र सामुद्रिक संरक्षक' बताकर विवाद खड़ा किया था। उन्होंने आगे कहा था कि भारत के उत्तरपूर्वी सात राज्य पूरी तरह बांग्लादेश से घिरे हुए हैं।
उनके पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के उत्तरपूर्व की रणनीतिक महत्ता पर जोर देते हुए इसे कनेक्टिविटी हब बताया था। उन्होंने कहा था कि ये राज्य बिम्सटेक, यानी बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड को आपस में जोड़ते हैं। बता दें कि शेख हसीना को अपदस्थ करने और उनके भारत में शरण लेने के बाद से भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव बढ़ गया है। यूनुस ने चीन और पाकिस्तान से नजदीकी भी बढ़ाई है।

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