ICT के फैसले के बाद यूनुस सरकार ने नया पैंतरा, शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत को लिखा पत्र
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से पूर्व पीएम शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है, जिसके लिए 20 नवंबर को एक आधिकारिक पत्र भेजा गया। 17 नवंबर को एक न्यायाधिकरण ने हसीना को मौत की सजा सुनाई थी। सरकार ने एक्सट्रैडिशन ट्रीटी के तहत प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है, क्योंकि हसीना पर मानवता के विरुद्ध अपराध का आरोप है और वह वर्तमान में भारत में शरण लिए हुए हैं।
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शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए बांग्लादेश ने भारत को भेजा पत्र। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने एक बार फिर भारत से अपदस्थ पीएम शेख हसीना को सौंपने का अनुरोध किया है। बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने भारत को एक पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की गई है।
बताया जा रहा है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 20 नवंबर को एक आधिकारिक पत्र भेजा है। बता दें कि 17 नवंबर को बांग्लादेश के एक विशेष न्यायाधिकरण शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई थी।
बांग्लादेश ने भारत को भेजा पत्र
दरअसल, सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस ने विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन के हवाले से बताया कि 20 नवंबर को यह पत्र भेजा गया था। हालांकि, इस संबंध में अधिक जानकारी नहीं मिल पाई है। बताया जा रहा है कि आधिकारिक राजनयिक पत्र नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के माध्यम से भेजा गया था। हालांकि, अभी तक की जानकारी के अनुसार, भारत की ओर से इस पत्र पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
मानवता के विरुद्ध अपराध में हसीना को मौत की सजा
उल्लेखनीय है कि गत 17 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) ने शेख हसीना और तत्कालीन गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल को मानवता के विरुद्ध अपराध करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई है। बता दें ये सजा दोनों की अनुपस्थिति में सुनाई गई। बता दें कि शेख हसीना इस समय भारत में किसी सुरक्षित स्थान पर हैं।
पत्र में क्या लिखा गया?
रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश की ओर से भारत को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि एक्सट्रैडिशन ट्रीटी के तहत मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मौत की सजा पाई पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को उसे सौंपा जाए।
गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में उग्र छात्र आंदोलन के बाद शेख हसीना की सरकार गिर गई थी। बांग्लादेश में हिंसा के बढ़ने के बाद शेख हसीना ने 5 अगस्त को बांग्लादेश छोड़ने का फैसला किया। वर्तमान में वह भारत में शरण लिए हुए हैं।

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