Bangladesh: 'शेख हसीना के भाग जाने से देश में वापस लौट आया सुकून', BNP नेता ने पूर्व पीएम पर कसा तंज; भारत पर भी लगाए गंभीर आरोप
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के नेता रूहुल कबीर रिजवी ने एक बार फिर भारत पर कई आरोप लगाए। इस दौरान उन्होंने भारतीय मीडिया पर भी सवाल खड़ा किया है। रिजवी ने कहा कि भारत का व्यवहार बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है और हमारी स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए खतरा है। शेख हसीना के भारत भाग जाने के बाद देश में शांति और सुकून लौट आया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने रविवार को कहा कि भारत सरकार बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पतन को स्वीकार नहीं कर सकती।
उन्होंने एक पीसी के दौरान कहा कि भारत की सत्तारूढ़ भाजपा और उसके सहयोगी दुष्प्रचार में लगे हुए हैं। भारत का व्यवहार बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है और हमारी स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए खतरा है।
रूहुल कबीर रिजवी ने यह भी कहा कि पूर्व पीएम शेख हसीना के भारत भाग जाने के बाद देश में शांति और सुकून लौट आया है। लोगों के कंधों से डेढ़ दशक का बोझ उतर गया है।
देश में शांति का माहौल
'The Business Standard' पर छपी एक खबर के अनुसार बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने पूर्व पीएम शेख हसीना पर निशाना साधते हुए कहा कि आज बांग्लादेश में हर कोई, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या नस्ल का हो, राहत की सांस ले रहा है।
रिजवी ने भारत पर लगाया आरोप
बीएनपी के वरिष्ठ नेता रूहुल कबीर रिजवी ने भारत पर बांग्लादेश पर नियंत्रण पाने के लिए एक खाका तैयार करने का एक बड़ा आरोप लगाया। इसी के साथ उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत सरकार का मानना है कि अगर बांग्लादेश 'आठवीं बहन' बन जाता है, तो उनकी सात बहनें सुरक्षित रहेंगी।
भारतीय मीडिया पर लगाए आरोप
बीएनपी नेता ने आगे आरोप लगाया कि शेख हसीना के पतन और उनके भारत भाग जाने के बाद से, भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनका कठपुतली मीडिया षड्यंत्र रच रहे हैं और दुष्प्रचार कर रहे हैं। भारतीय मीडिया पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कुछ भारतीय मीडिया आउटलेट बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के बारे में मनगढ़ंत कहानियां फैला रहे हैं और सांप्रदायिक तनाव भड़का रहे हैं।
बीएनपी नेता ने जोर देते हुए कहा कि अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला पूरी तरह से सरकार का है। वहीं, उन्होंने दुख जताते हुए कहा, "इसके लिए बीएनपी को दोषी ठहराना खेदजनक है।" उन्होंने बताया कि जब अवामी लीग सरकार ने जमात पर प्रतिबंध लगाया था, तब भी बीएनपी ने विरोध किया था।
रिजवी ने कहा, "हमें उम्मीद है कि मुख्य सलाहकार और अन्य सलाहकारों सहित अंतरिम सरकार ऐसे बयान देने से परहेज करेगी जो लोकतांत्रिक ताकतों को कमजोर करते हैं या हमारी एकता में विभाजन पैदा करते हैं।"
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