अफगानिस्तान में कई भारतीय कंपनियों ने शुरू किया काम, बोले तालिबानी विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी
तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति सामान्य है और कई भारतीय कंपनियों ने काम शुरू कर दिया है। भारत और अफगानिस्तान के बीच सीधी उड़ानें बढ़ाई जाएंगी, जिसमें अमृतसर-काबुल उड़ान भी शामिल है। मुत्तकी ने भारतीय कंपनियों को विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया और चाबहार बंदरगाह पर प्रतिबंध हटाने की अपील की, जिससे दोनों देशों के बीच कारोबार को बढ़ावा मिल सके।

तालिबानी विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी। फाइल फोटो
जागरण ब्यूरो,नई दिल्ली। अफगानिस्तान में स्थिति पूरी तरह से सामान्य है और पिछले कुछ महीनों के दौरान कई भारतीय कंपनियों ने वहां काम फिर से शुरू कर दिया है। यह बात इस्लामिक अमीरात (तालिबान) के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने भारत के प्रमुख उद्योग चैंबर फिक्की के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक में कही।
उन्होंने बताया कि भारत के अधिकारियों के साथ उनकी जो बातचीत हुई है, उसमें यह फैसला किया गया है कि दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
अफगानिस्तान में भारतीय कंपनियों ने काम शुरू किया
इस क्रम में उन्होंने अमृतसर और काबुल के बीच जल्न्द सीधी उड़ान शुरू किए जाने के संकेत दिए। जबकि फिक्की की तरफ से बताया गया कि केईसी, मैक्स अस्पताल ने अफगानिस्तान में काम शुरू कर दिया है। जबकि एमिटी यूनिवर्सिटी वहां अपना कैंपस खोलने की इच्छुक है।मुत्तकी ने कहा कि कारोबार करने के लिए जिस तरह की अमन व शांति की जरूरत है, उनकी सरकार ने उसे स्थापित कर दिया है। भारत के साथ कारोबार में वृद्धि होने लगी है।
बहुत ही कम समय में द्विपक्षीय कारोबार बढ़ कर एक अरब डालर को पार कर गया है। उन्होंने भारतीय कंपनियों को ढांचागत, हेल्थ, कृषि, बैं¨कग, हवाई सेवा क्षेत्र में अफगानिस्तान में निवेश करने का आग्रह किया। उन्होंने भारत सरकार से भी आग्रह किया कि वह अफगान नागरिकों को ज्यादा वीजा दे ताकि आपसी कारोबार की राह आसान हो सके।
निवेश के लिए तालिबान मंत्री का आमंत्रण
प्रेट्र के अनुसार, मुत्तकी ने भारत को चाबहार बंदरगाह पर प्रतिबंध हटाने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत करनी चाहिए। उनका देश रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस बंदरगाह के अधिकतम उपयोग के पक्ष में है। उन्होंने अमेरिका के साथ अपनी बैठकों में प्रतिबंध हटाने का मुद्दा भी उठाया है। गत सितंबर में ट्रंप प्रशासन ने ईरान स्थित चाबहार बंदरगाह को 2018 में प्रतिबंधों से मिली छूट को रद करने का फैसला लिया था।
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