लूव्र म्यूजियम के सर्विलांस सिस्टम का पासवर्ड निकला इतना कमजोर, 850 करोड़ की चोरी में खुलासा
पेरिस के लूव्र म्यूजियम में 850 करोड़ की चोरी के बाद सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई है। जांच में पता चला कि म्यूजियम के निगरानी सिस्टम का पासवर्ड 'लूव्र' था। म्यूजियम की अध्यक्ष ने सुरक्षा पर कम खर्च को चोरी का कारण बताया। ऑडिट रिपोर्ट में 2024 तक केवल 39 कमरों में कैमरे होने की बात कही गई है। आर्टवर्क पर अधिक खर्च के कारण आधुनिकीकरण में देरी हुई।

निगरानी सिस्टम का पासवर्ड 'लूव्र'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फ्रांस की राजधानी पेरिस के मशहूर लूव्र म्यूजियम में हुई 850 करोड़ की चोरी के बाद बड़ी सुरक्षा खामियों का पता चला है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पूरे म्यूजियम की डिजिटल सुरक्षा प्रणाली बेहद कमजोर थी।
जांच में पता चला कि म्यूजियम का वीडियो निगरानी सिस्टम का पासवर्ड 'लूव्र' था। जिसे हैकर्स आसानी से कैक कर पाए। पिछले महीने म्यूजियम से चोरो ने महज 4 मिनट के अंदर 850 करोड़ के आठ बेशकीमती गहने चुरा लिए थे।
निगरानी सिस्टम का पासवर्ड निकला 'लूव्र'
इस मामले में म्यूजियम की अध्यक्ष और निदेशक लौरेंस डेस कोर्स ने फ्रांसीसी सांसद को बताया था कि म्यूजियम के बाहरी हिस्से में सिर्फ एक कैमरा लगा था, जिसकी दिशा गलत होने के चलते वो चोरों की गतिविधियों को कैप्चर नहीं कर पाया।
हालांकि लौरेंस ने ये भी कहा कि म्यूजियम के अंदर के कैमरे काम कर थे। लौरेंस ने सुरक्षा व्यवस्था पर कम खर्च को चोरी की मुख्य वजह बताया। कमजोर पासवर्ड के खुलासे के बाद म्यूजियम की सुरक्षा को लेकर और सवाल पूछे जा रहे हैं।
850 करोड़ की चोरी: सुरक्षा में चूक
न्यूज एजेंसी रायटर के अनुसार म्यूजियम की सुरक्षा ऑडिट का काम एक दशक पहले से शुरू हुआ था। ऑडिट रिपोर्ट के कुछ अंश चोरी से कुछ दिन पहले मीडिया में लीक हो गये थे।
रिपोर्ट में कहा गया था कि 2024 तक म्यूजियम के केवल 39 कमरों में ही कैमरे लगे थे। इस ऑडिट रिपोर्ट में पाया गया था कि म्यूजियम में पर्याप्त निगरानी नहीं की गई है। रिपोर्ट में कहा गया था कि इस काम को पूरा होने में कई साल लगेंगे। इसके साल 2032 तक पूरा होने की उम्मीद कम है।
आर्टवर्क पर अधिक खर्च सुरक्षा में कमी की वजह
रिपोर्ट के अनुसार म्यूजियम का अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को अपडेट न कर पाने का मुख्य कारण आर्टवर्क खरीदने पर ज्यादा खर्च करना है। इस आर्टवर्क का सिर्फ एक चौथाई हिस्सा ही पब्लिक के सामने दिखाया जाता है। इसके अलावा महामारी के बाद री-लॉन्च प्रोजेक्ट्स, इनएफिशिएंसी और टिकट फ्रॉड भी इसकी वजहें हैं।

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