Nepal: राष्ट्रपति चुनाव के बाद पीएम प्रचंड करेंगे मंत्रिमंडल में फेरबदल, कई दलों ने लिया सरकार से समर्थन वापस
Nepal नेपाल में राष्ट्रपति चुनाव के बाद प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करेंगे। सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा के हवाले से बताया कि प्रचंड 9 मार्च को राष्ट्रपति चुनाव के बाद ही विश्वास मत हासिल करेंगे और अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करेंगे।

काठमांडू, एजेंसी। नेपाल में राष्ट्रपति चुनाव के बाद प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करेंगे। एक मीडिया रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बुधवार को इस बात की जानकारी दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुष्प कमल अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल की तैयारी कर रहे हैं, ताकि 16 मंत्रालयों को भरा जा सके। जो उनकी सरकार से तीन राजनीतिक दलों के हटने के बाद खाली हो गए थे।
राष्ट्रपति चुनाव के बाद विश्वास मत हासिल करेंगे पुष्प कमल
काठमांडू पोस्ट अखबार ने सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा के हवाले से बताया कि प्रचंड 9 मार्च को राष्ट्रपति चुनाव के बाद ही विश्वास मत हासिल करेंगे और अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करेंगे। रेखा शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा प्रधानमंत्री के लिए विश्वास मत हासिल करने के संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों का एक निश्चित समय सीमा के भीतर पालन किया जाएगा, लेकिन हम वर्तमान में राष्ट्रपति चुनाव पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
सीपीएन-यूएमएल ने सरकार से समर्थन लिया था वापस
चुनाव आयोग द्वारा बुधवार से 19 मार्च तक चुनाव आचार संहिता जारी करने के बाद ही मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जा सकता है। बता दें संसद में नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी सीपीएन-यूएमएल ने सोमवार को पुष्प कमल दहल प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। इस कदम को देश में दो महीने पहले गठित सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।
इन दलों के मंत्रियों ने भी दिया इस्तीफा
इसके अलावा राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) ने भी अपने मंत्रियों को सरकार से हटा लिया है। हालांकि वह सरकार को बाहर से समर्थन देते रहेंगे। बता दें तीन प्रमुख दलों के सरकार से हटने के साथ ही सात दलों का सत्तारूढ़ गठबंधन बिखर गया है। प्रचंड ने अब नेपाली कांग्रेस और छह अन्य दलों से हाथ मिला लिया है और जल्द से जल्द एक नया समझौता चाहते हैं। संवैधानिक प्रावधान के अनुसार, अगर कोई पार्टी सरकार से अपना समर्थन वापस लेती है तो प्रधानमंत्री को 30 दिनों के भीतर विश्वास मत प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
मंत्रिमंडल पर होगी चर्चा
हालांकि, कुछ नेताओं ने कहा था कि गठबंधन सहयोगी दलों के एक या दो मंत्रियों के साथ एक छोटे मंत्रिमंडल पर चर्चा कर सकता है, लेकिन चुनाव आचार संहिता के कारण अब यह संभव नहीं होगा। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री शर्मा ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन को अभी नए गठबंधन के भागीदारों के साथ मंत्रिमंडल विस्तार के मुद्दे पर चर्चा करनी है। शर्मा ने कहा कैबिनेट में फेरबदल यह पता लगाने के बाद ही होगा कि कौन सी पार्टियां सरकार में शामिल हो रही हैं।
9 मार्च को होगा राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव
इससे पहले नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की कतर यात्रा देश में कुछ महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्यक्रमों के चलते रद्द कर दी गई थी। उन्होंने ये यात्रा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों और विश्वास मत हासिल करने को लेकर रद्द की थी। बताते चलें कि चुनाव आयोग ने 9 मार्च को राष्ट्रपति चुनाव और 17 मार्च को उपराष्ट्रपति का चुनाव तय किया है। संवैधानिक प्रावधान के अनुसार, दोनों चुनावों के लिए संघीय संसद में 332 मतदाताओं और प्रांतीय विधानसभा में 550 मतदाताओं का गठन किया जाएगा।
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