Bangladesh: शेख हसीना ने स्मार्ट बांग्लादेश बनाने के संकल्प को दोहराया, बोलीं- देश की प्रगति को अब कोई नहीं रोक सकता
आम चुनाव में जीत हासिल करने के बाद निवर्तमान प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने लगातार चौथे कार्यकाल के लिए बुधवार को शपथ ग्रहण की। गत सात जनवरी को हुए आम चुनाव में हसीना के नेतृत्व वाली आवामी लीग ने 298 सीटों में से 223 सीटों पर जीत हासिल की थी। निवर्तमान हसीना और अन्य नवनिर्वाचित सांसदों को संसद अध्यक्ष शिरीन शर्मीन चौधरी ने शपथ दिलाई।

पीटीआई, ढाका। आम चुनाव में जीत हासिल करने के बाद निवर्तमान प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने लगातार चौथे कार्यकाल के लिए बुधवार को शपथ ग्रहण की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आवामी लीग के दोबारा सत्ता में आने से बांग्लादेश की प्रगति को अब कोई नहीं सकता है। उन्होंने 2041 तक स्मार्ट बांग्लादेश बनाने के संकल्प को भी दोहराया। देश की नई कैबिनेट के गुरुवार को शपथ लेने की संभावना है।
बांग्लादेश आम चुनाव
गत सात जनवरी को हुए आम चुनाव में हसीना के नेतृत्व वाली आवामी लीग ने 298 सीटों में से 223 सीटों पर जीत हासिल की थी। निवर्तमान हसीना और अन्य नवनिर्वाचित सांसदों को संसद अध्यक्ष शिरीन शर्मीन चौधरी ने शपथ दिलाई। समारोह में निर्दलीय सांसदों व नवनिर्वाचित विधायकों को भी शपथ दिलाई गई। शपथ ग्रहण समारोह से पहले आवामी लीग के संसदीय दल ने उन्हें सदन का नेता चुना।
राजधानी ढाका के सुहरावर्दी उद्यान में हसीना ने कहा कि उनके पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान का दृष्टिकोण देश का नेतृत्व करने में उनकी मदद करता है। इस दौरान वह 15 अगस्त, 1975 के सैन्य तख्तपलट की घटना को याद कर भावुक हो गई। इस दौरान उनके पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान और उनके परिवार के अधिकांश सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। इस दौरान हसीना ने विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के हिंसक बहिष्कार के बावजूद मतदान करने पर मतदाताओं का आभार जताया।
एकपक्षीय चुनाव के बाद संसद में विपक्ष का संकट
प्रधानमंत्री शेख हसीना के दोबारा निर्वाचित होने के बाद संसदीय विपक्षी दल के गठन को लेकर बुधवार को अटकलें तेज हो गईं। आवामी लीग ने 300 सदस्यीय संसद में 298 सीटों में से 223 सीटों पर जीत हासिल की है और इसकी प्रतिद्वंद्वी जातीय पार्टी मुख्य विपक्ष बननने के लिए 10 प्रतिशत सीटें भी पाने में विफल रही। जातीय पार्टी ने केवल 11 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की है। हालांकि, सदन में मुख्य विपक्ष बनने के लिए कानून के अनुसार, कम से कम 30 सीटों की आवश्यकता होती है। चुनाव में जातीय पार्टी से अधिक 62 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।
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