पाकिस्तानी सेना नहीं चाहती तालिबान सरकार से बेहतर रिश्ते, बोले जबीउल्ला मुजाहिद
तालिबान प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते नहीं चाहती, इसलिए वार्ता विफल हो रही है। उन्होंने सेना पर रिश्ते बिगाड़ने का आरोप लगाया। मुजाहिद ने कहा कि सीमा बंद होने से व्यापार प्रभावित है। उन्होंने पाकिस्तान से आतंकवाद पर सहयोग करने की अपील की। संघर्षविराम के बाद पाकिस्तान ने तोरखम द्वार खोला है।

तालिबानी नेता जबीउल्ला मुजाहिद। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तुर्किये की मध्यस्थता में इस्तांबुल में पाकिस्तान सरकार के प्रतिनिधियों और तालिबान सरकार के बीच हुई वार्ता के बाद तालिबान की ओर से महत्वपूर्ण बयान आया है।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा है कि पाकिस्तान की सरकार अफगानिस्तान के साथ द्विपक्षीय हितों वाला समझौता करना चाहती है लेकिन वहां की सेना इसकी अनुमति नहीं दे रही है। पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान के साथ अच्छे रिश्तों की इच्छुक नहीं है। इसीलिए दोनों देशों की वार्ता विफल हो रही हैं।
'रिश्ते बिगाड़ने में लगी पाकिस्तानी सेना'
टोलो न्यूज से साक्षात्कार में तालिबान प्रवक्ता ने कहा, पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्ते को लगातार बिगाड़ने की कोशिश में लगी है। क्योंकि जिस समय पाकिस्तान सरकार के विशेष दूत सादिक खान वार्ता के लिए काबुल में थे, उसी समय पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान पर हमले कर माहौल बिगाड़ रही थी।
'हो रहा दोनों देशों को नुकसान'
मुजाहिद ने कहा कि डूरंड लाइन पर बने रास्तों को पाकिस्तान द्वारा बंद कर दिए जाने से दोनों देशों के बीच व्यापार रुक गया है और दोनों देशों को नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जिन आतंकी संगठनों के अफगान धरती पर सक्रिय होने की सूचना पाकिस्तान के पास है, वह उन्हें अफगानिस्तान से साझा करे जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। अगर पाकिस्तान सरकार पाकिस्तानी जमीन पर होने वाली वारदातों को रोकने में हमारा सहयोग चाहती है तो उसके लिए उन्हें कदम उठाने होंगे, वहां पर हमारा नियंत्रण नहीं है। तालिबान सरकार अफगानिस्तान में किसी को भी पाकिस्तान विरोधी गतिविधि की इजाजत नहीं देगी।
खामा प्रेस ने अपने विश्लेषण में कहा है कि इस्तांबुल में हुई वार्ता में दोनों देशों के बीच तनाव में कमी आई है लेकिन दोनों के बीच बनी अविश्वास और भ्रम की स्थिति भी सामने आई है। इसके चलते पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच कोई स्पष्ट समझौता नहीं हो सका है।
पाकिस्तान ने खोला तोरखम का रास्ता
अफगानिस्तान के साथ संघर्षविराम लागू होने के बाद शनिवार को पाकिस्तान ने सीमा पर बने तोरखम द्वार को खोल दिया। दो हफ्ते से ज्यादा समय बंद रहने के बाद पाकिस्तान ने यह रास्ता अफगान शरणार्थियों को वापस जाने के लिए खोला है। चमन से लगने वाली सीमा पर बना रास्ता अभी भी बंद है। दोनों रास्ते 11 अक्टूबर को बंद किए गए थे।

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