2.96 करोड़ रुपये, गांव की जिंदगी और पत्नी से दूरी..., दाने-दाने को मोहताज हो गया शख्स; क्या है जापान का सोत्सुकॉन रिवाज?
जापान में तेत्सु यामादा नामक एक रिटायर व्यक्ति ने 2.96 करोड़ रुपये की पेंशन के साथ नई जिंदगी शुरू करने के लिए अपनी पत्नी से अलग होने का सोचा। पत्नी के गांव न जाने पर उन्होंने सोत्सुकॉन का रास्ता अपनाया और यामादा अकेले गांव चले गए। वहां उन्हें घर के काम और अकेलेपन से जूझना पड़ा। वहीं उनकी पत्नी ने टोक्यो में एक सफल हस्तशिल्प की दुकान खोली।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जापान के एक शख्स की कहानी इन दिनों सोशल मीडिया पर छाई हुई है। रिटायरमेंट के बाद इस शख्स ने अपनी पत्नी से अलग होने का फैसला किया, मगर उसका ये सपना चूर-चूर हो गया।
60 साल की उम्र में तेत्सु यामादा ने करीब 2.96 करोड़ रुपये (50 मिलियन येन) की पेंशन के साथ नई जिंदगी शुरू करने का ख्वाब देखा था। उसने अपनी गृहिणी पत्नी केइको से कहा कि वह उसके गांव चलें और सादगी भरी जिंदगी जिएं। मगर केइको शहर की आदी थी और उसने तेत्सु की बात ठुकरा दी।
तनाव बढ़ने पर केइको ने 'सोत्सुकॉन' का रास्ता सुझाया। ये जापानी रिवाज है, जिसमें शादीशुदा जोड़े बिना तलाक के अलग-अलग रहते हैं।
इसकी शुरुआत 2004 में एक जापानी लेखिका ने की थी। यामादा को ये आसान लगा और वो अकेले गांव चला गया। उसने अपनी पेंशन से घर ठीक किया और सोचा कि अब वो वो जिंदगी जिएगा, जिसका उसने ख्वाब देखा था।
अकेलेपन ने तोड़ा सपना
मगर गांव में यामादा की मुश्किलें बढ़ गईं। उसे घर के कामकाज संभालने में तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ा। खाना बनाना तो दूर, वो आसान काम भी नहीं कर पा रहा था। नतीजा? वो इंस्टेंट नूडल्स और फ्रोजेन सब्जियों पर गुजारा करने लगा। अकेलापन उस पर इस कदर भारी पड़ने लगा कि उसकी जिंदगी से खुशियां जैसे हवा हो गईं। दूसरी तरफ, उसकी पत्नी केइको की जिंदगी आरामदायक गुजर रही थी।
सोशल मीडिया पर यामादा ने देखा कि केइको ने टोक्यो में एक हस्तशिल्प की दुकान खोली, जो खूब चल रही है। यामादा ने कहा, "वो मेरे बिना बहुत खुश दिखती है।" उसे अपनी गलती का एहसास होने लगा। अब वो अकेलापन महसूस करता है और पछताता है।
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