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    'इमारत का सत्यजीत रे से कोई संबंध नहीं', ध्वस्तीकरण पर हुई फजीहत के बाद बांग्लादेश ने दी सफाई; बताया कहां था पैतृक घर

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 04:28 PM (IST)

    बांग्लादेश सरकार ने सत्यजीत रे के पैतृक आवास को ध्वस्त करने के आरोपों पर सफाई दी है। विदेश मंत्रालय के अनुसार जिस इमारत को रे का घर बताया जा रहा है उसका उनके परिवार से कोई संबंध नहीं है। यह इमारत जमींदार शशिकांत आचार्य चौधरी ने बनवाई थी और बाद में शिशु अकादमी को दी गई।

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    बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में बयान जारी किया (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में सत्यजीत रे के पैतृक आवास को ध्वस्त करने की कार्यवाही पर फजीहत होने के बाद अब बांग्लादेश सरकार ने अपनी सफाई पेश की है। बांग्लादेश ने कहा है कि जिस जर्जर इमारत को रिपोर्टों में सत्यजीत रे का पैतृक घर बताया जा रहा है, उसका सत्यजीत रे या उनके परिवार के किसी भी सदस्य से कोई संबंध नहीं है।

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    बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में बयान जारी किया। इस बयान में कहा गया है कि पुरालेखीय अभिलेखों की विस्तृत जांच के आधार पर यह पुष्टि की गई है कि इमारत का प्रख्यात फिल्ममेकर सत्यजीत रे के पूर्वजों से कई संबंध नहीं था। बता दें कि बांग्लादेश के मैमनसिंह स्थित एक जर्जर मकान को ढहाए जाने के बाद यूनुस सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा था।

    कहां था सत्यजीत रे का पैतृक आवास?

    बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा, 'इस मकान को स्थानीय जमींदार शशिकांत आचार्य चौधरी ने अपने कर्मचारियों के लिए बनवाया था। जमींदारी प्रथा खत्म हुई, तो इस पर सरकार का नियंत्रण हो गया। बाद में इसे बांग्लादेश शिशु अकादमी को पट्टे पर अलॉट कर दिया गया था। अभिलेखों की जांच के बाद यह स्पष्ट किया जाता है कि जमीन सरकारी है और इसका रे परिवार से कोई संबंध नहीं है।

    मंत्रालय ने यह भी बताने की कोशिश की कि घर के सामने वाली सड़क का नाम सत्यजीत रे के परदादा हरिकिशोर रे के नाम पर है। इस वजह ये ऐसी धारणा उत्तपन्न हो गई कि यह सत्यजीत रे का पैतृक आवास है। लेकिन हरिकिशोर रे रोड पर ही रे परिवार का एक घर था, जिसे काफी पहले बेच दिया गया था और अब यह अस्तित्व में नहीं है। यहां नए मालिक ने एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनवाई है।

    घर ध्वस्त किए जाने की बताई वजह

    • बयान में कहा गया कि इमारत जर्जर थी। इस कारण अकादमी को 2014 में कहीं और शिफ्ट कर दिया गया था। लेकिन उसके बाद से ही यह बिल्डिंग असामाजिक तत्वों की गैरकानूनी गतिविधियों का अड्डा बन गई थी। बाद में उचित प्रक्रिया का पालन कर इमारत को हटाने की अनुमति दे दी गई।
    • बांग्लादेश में मकान के ध्वस्त होने की बात सामने आने के बाद भारत की तरफ से भी चिंता जताई गई थी और सरकार ने बांग्लादेश को इसे म्यूजियम के रूप में विकसित करने की पेशकश की थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी भारत सरकार से मामले में दखल देने की मांग की थी और यूनुस सरकार को लताड़ लगाई थी।

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