Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    निजी एवं सरकारी प्रतिष्ठानों से हटाई जा सकती है शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर, बांग्लादेश में यूनुस सरकार बड़ा फैसला

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 08:55 PM (IST)

    बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में, सार्वजनिक और निजी संस्थानों से बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के चित्र हटाने पर विचार कर रही है। यह कदम 1971 के मुक्ति संग्राम से जुड़े प्रतीकों को मिटाने के प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 4(क) को समाप्त करने का प्रस्ताव भी शामिल है।

    Hero Image

    हटाई जा सकती है शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के प्रतिष्ठानों से बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के चित्र हटाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। अंतरिम सरकार के तहत गठित राष्ट्रीय सहमति आयोग (एनसीसी) द्वारा घोषित यह नवीनतम कदम 1971 के मुक्ति संग्राम से जुड़े प्रतीकों को मिटाने के प्रयासों की श्रृंखला में एक और कदम है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, आयोग के उपाध्यक्ष अली रियाज द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र नौ अक्टूबर को राजनीतिक दलों को भेजा गया था, जिसमें शनिवार तक उनकी लिखित राय मांगी गई थी। बीडीन्यूज24 की रिपोर्ट के अनुसार, आयोग ने बांग्लादेशी संविधान के खंड 4 (क) को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा है, जिसके अनुसार सभी सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों और संस्थानों में बंगबंधु के चित्र लगाए जाने अनिवार्य हैं।

    इस खंड का हवाला देते हुए आयोग के पत्र में कहा गया है, ''जुलाई चार्टर 2025 की ड्राफ्टिंग और कार्यान्वयन के संबंध में राजनीतिक दलों और गठबंधनों के साथ बैठकें पूरी हो चुकी हैं। फिलहाल, आयोग मौजूदा संविधान के खंड 4 (क) को समाप्त करने के प्रस्ताव को जुलाई चार्टर में शामिल करने पर विचार कर रहा है।''

    मानवाधिकार उल्लंघन पर बांग्लादेशी प्रवासियों ने मेलोनी को लिखा पत्र

    बांग्लादेशी प्रवासियों ने इटली के प्रधानमंत्री जार्जिया मेलोनी और उप-प्रधानमंत्री एंटोनियो तजानी को पत्र लिखकर अंतरिम सरकार द्वारा बांग्लादेश में ''स्वतंत्र और लोकतांत्रिक राजनीतिक संस्कृति'' पर किए जा रहे हमलों की निंदा की है।

    उन्होंने अंतरिम सरकार पर बार-बार चुनाव स्थगित करने और अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाकर बांग्लादेशी नागरिकों को उनके मानवाधिकार व मताधिकार से वंचित करने का आरोप लगाया। पत्र में कहा गया है, ''यूनुस के शासन में राजनीतिक उत्पीड़न बड़े पैमाने पर हो रहा है। अवामी लीग के निर्दोष सदस्य और समर्थक भेदभाव, हिंसक हमलों और भ्रष्ट न्यायपालिका द्वारा लगाए गए आधारहीन, राजनीति से प्रेरित आरोपों का शिकार हो रहे हैं।''

    बांग्लादेश में IRGC जैसी सेना चाहती है जमात-ए-इस्लामी

    बांग्लादेशी सेना की तरह मुहम्मद यूनुस शासन ने सेना खुफिया महानिदेशालय (डीजीएफआइ) को खत्म करना शुरू कर दिया है और उसकी जगह एक ऐसी एजेंसी स्थापित करना चाहता है जो आइएसआइ के साथ मिलकर काम करे। यूनुस पर बांग्लादेशी सेना की जगह इस्लामिक रिवोल्यूशनरी आर्मी (आइआरए) स्थापित करने का दबाव रहा है।

    आइएसआइ के साथ मिलकर काम करने वाली जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश में ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड का‌र्प्स (आइआरजीसी) जैसी एक सेना चाहती है। इसका मतलब होगा कि डीजीएफआइ की तर्ज पर एक नई एजेंसी आइआरए के साथ मिलकर काम करेगी। आइआरए देश के बजाय सरकार के प्रति वफादार होगी।